“Article 370”- मध्यप्रदेश में टेक्स फ्री, सी एम डॉ मोहन यादव का फैसला,कश्मीर के सच को उजागर करती सनसनीखेज फ़िल्म
रामायण के राम अरुण गोविल ने निभाई है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका
Metro Cinema – Article 370
♦Metro City Media-
मध्यप्रदेश में फ़िल्म “Article 370″ को टेक्स फ्री कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने फ़िल्म देखने के बाद यह फैसला लिया है। कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी के बाद यह लगातार तीसरी ऐसी फिल्म है जिसे टेक्स फ्री किया गया है। पहले देश भक्ति पर फिल्में बना करती थी अब देश के ज्वलंत मुद्दों पर फ़िल्म बंनाने का यह बीड़ा डायरेक्टर्स उठा रहे हैं।” Article 370″ एक पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म है जिसमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले और बाद के घटनाक्रमों को दिखाया गया है। फिल्म में यामी गौतम Yami Gautam ने आइबी अधिकारी की भूमिका निभाई है। प्रियामणि पीएमओ की अधिकारी बनी हैं। रामायण के राम अरुण गोविल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका में हैं जबकि किरण करमाकर ने गृह मंत्री अमित शाह का किरदार निभाया है।
फिल्म में एक डायलॉग है कि अगर अमेरिका म9सत आंतकवादी ओसामा बिन लादेन को ढूढने पाकिस्तान को अरबों रुपये देता है तो पाकिस्तान उसे ढूढ़ने का नाटक करेगा, पकड़वाएगा नहीं, ताकि उसकी फंडिंग चलती रहे। “Article 370” फ़िल्म कश्मीर के दुश्मनों’ को बेनकाब करते हुए दर्शकों के दिलो दिमाग पर गहराई में उतरती है। फ़िल्म में कश्मीर घाटी के पहले और अब के हालात दिखाए गए है। फ़िल्म में बताया गया है कि कश्मीर को सबसे ज्यादा फंडिंग केंद्र से मिलती है, ताकि वहां पर अमन रहे, विकास हो लेकिन वहां के शीर्ष राजनेता, भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट, बड़े-बड़े बिजनेसमैन अपनी अपनी जेबें गर्म करने के लिए कश्मीर की विवादास्पद इकॉनामी का फायदा उठा रहे हैं। वो अमन हासिल करने का नाटक करेंगे, लेकिन होने नहीं देंगे।
“अनुच्छेद 370” की वजह से हर चीज उनके नियंत्रण में है। यह कश्मीर के हालात को बताने के लिए काफी है। इन मुश्किल हालातों में “अनुच्छेद 370″ हटाने को लेकर केंद्र सरकार ने किस गोपनीयता से योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। यह फिल्म उसके बारे में गहराई से जानकारी देती है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 (Article 370) जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। पांच अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया है। राज्य को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया है।
फ़िल्म की कहानी कश्मीर घाटी के लिए पांच अगस्त, 2019 में राज्य सभा में बिल पेश होने के बाद मचे घमासान से होता है। वहां से कहानी वर्ष 2016 में कश्मीर में आती हैं। आइबी अधिकारी जूनी हक्सर यामी गौतम अपने वरिष्ठ की अनुमति के बिना हिजबुल कमांडर को मारने के मिशन में सफल रहती है। उसके बाद कश्मीर की खूबसूरत वादियों में हिंसा भड़क उठती है। हालात बेकाबू हो जाते हैं। जूनी पर कार्रवाई होती है। घटनाक्रम मोड़ लेते हैं। पीएमओ सेक्रेटरी राजेश्वरी स्वामीनाथन प्रियामणि अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के कार्यान्वयन से पहले, कश्मीर घाटी में संघर्षपूर्ण अर्थव्यवस्था को खत्म करने और आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से गोपनीय मिशन के तहत जूनी को नियुक्त करती है।
जूनी कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती बने अलगाववादियों और पत्थरबाजों की फडिंग करने वालों की कमर तोड़ने का काम करती है। उधर, काननूविदों की मदद से राजेश्वरी अनुच्छेद को समाप्त करने की बारीकियों पर काम रह रही होती है, जिससे सरकार संसद में अपना पक्ष मजबूती से रख सके।
इसके लिए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (अरुण गोविल) और गृह मंत्री अमित शाह (किरण करमाकर) का पूरा समर्थन मिला हुआ है। इस बीच 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवान की शहादत सभी को झकझोर देती है।
ऐतिहासिक भूल सुधार पर बनी इस फिल्म में
निर्देशक आदित्य सुहास जांभले ने अहम विषय पर 370 पर विस्तार से प्रकाश डाला है कि ” आर्टिकल 370″ का जन्म कैसे हुआ? फिल्म के आरंभ में अभिनेता अजय देवगन (Ajay Devgn) की आवाज में इसकी पूरी जानकारी दी गई है। 70 साल पुरानी इस ऐतिहासिक गलती को सुधारने के लिए किस स्तर की सतर्कता और तैयारी की गई, फिल्म उस मामले में बेजोड़ है।
मध्यांतर से पहले फिल्म कश्मीर में व्याप्त तनाव, भ्रष्टाचार और आतंकी गतिविधियों के जरिए वहां के हालात से परिचित कराती है। किस प्रकार से भाड़े के पत्थरबाजों को आइएसआइ का समर्थन और फंडिंग मिल रही थी। इस अनुच्छेद की आग में अपनी रोटियां सेक रहे राजनेता किस प्रकार से कश्मीर के दुश्मन बने बैठे थे, फिल्म में इन पहलुओं को बहुत गहराई और गंभीरता के साथ दिखाया गया है।
मध्यातंर के बाद अनुच्छेद 370 हटाने के रास्ते में आने वाले संवैधिानिक रुकावटों को भी फिल्म में बारीकी से बताया गया है। यह तकनीकी पक्ष जटिल है, लेकिन महत्वपूर्ण है। फिल्म के संवाद भी मारक हैं। बीच-बीच में कश्मीरी भाषा का पुट और स्थानीयता का चित्रण है। दर्शको को यह ज्वलंत मुद्दे की फ़िल्म बहुत पसंद आई है। फ़िल्म के माध्यम से कश्मीर का सच पर्दे पर देखने का मौका लोगो को मिला है। यह फ़िल्म अब तक 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।। मध्यप्रदेश सरकार के बाद छत्तीसगढ़ की सरकार ने भी छत्तीसगढ़ के लिए फ़िल्म को टैक्स फ्री घोषित कर दिया है।