छिन्दवाड़ा में टूटा कांग्रेस का बड़ा गढ़ : हर्रई राजपरिवार के कमलेश शाह ने छोड़ी विधायकी ,थामा भाजपा का दामन
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने सी एम हाउस में दिलाई सदस्यता
मुकुन्द सोनी ♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने छिन्दवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस का बड़ा गढ़ “अमरवाड़ा” को अपने पाले में कर लिया है। यहां के कांग्रेस विधायक ” राजा कमलेश प्रताप शाह” ने दल – बदल कानून की चिंता किए बगैर अपनी “विधायकी” को दांव पर लगाकर शुक्रवार को भोपाल सी एम हाउस में भाजपा की सदस्यता ले ली है। बताया गया कि सदयता लेने से पहले उन्होंने ” विधायक” पद से इस्तीफा भी दे दिया है।विधायकी छोड़कर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी हर्रई नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह भी थी।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा नगरीय प्रशासन मंन्त्री कैलाश विजयवर्गीय, मध्यप्रदेश के प्रभारी महेंद्र सिंह पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनका स्वागत कर पार्टी की सदस्यता दिलाई है। खास बात यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव में सांसद नकुलनाथ इस विधानसभा से मिली 22 हजार से ज्यादा वोट की लीड की बदौलत ही “सांसद” बन पाए थे। इसके अलावा उन्हें छिन्दवाड़ा से 15 हजार और जुन्नारदेव से 12 हजार की ही लीड मिली थी। इसके अलावा वे चार विधानसभा परासिया ,सौसर, चौरई और पांढुर्ना से चुनाव हार गए थे। इस मायने में देखा जाए तो भाजपा ने राजा कमलेश प्रताप शाह को पार्टी में लाकर अब छिन्दवाड़ा में असली किले बंदी की है।
राजा कमलेश प्रताप शाह लगातार तीन बार से यहां के विधायक है। 6 महीने पहले ही हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा की मोनिका बट्टी को 25 हजार से ज्यादा वोट से हराया था। अमरवाड़ा विधानसभा छिन्दवाड़ा लोकसभा का सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसके पूर्व उनकी माता रानी शैल कुमारी देवी भी अमरवाड़ा की विधायक रही है। अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा लोकसभा का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। इसमे हर्रई, अमरवाड़ा ,सिंगोड़ी और तामिया का क्षेत्र आता है। यह विधानसभा आदिवासी बाहुल्य है और आदिवासी वर्ग के लिए ही आरक्षित है। इस विधानसभा क्षेत्र में ढाई लाख से ज्यादा मतदाता है।
राजा कमलेश प्रताप शाह के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस नेता कमलनाथ – नकुलनाथ को तगड़ा झटका लगा है। इस विधानसभा क्षेत्र में हर्रई राज परिवार के राजा कमलेश प्रताप शाह का खासा दबदबा है। भाजपा परिवार में शामिल होकर राजा कमलेश प्रताप शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि छिन्दवाड़ा में भाजपा का सांसद होना चाहिए। किसी जमाने मे प्रेमनारायण ठाकुर यहां कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे लेकिन कमलनाथ से पटरी ना बैठने के कारण वे भी भाजपा में चले गए थे।2008 में भाजपा से विधायक भी बने थे। अब इस क्षेत्र से राजा कमलेश शाह दूसरे कांग्रेस विधायक है जिन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है। यह भाजपा के लिए बड़ी सफलता है मगर कांग्रेस में कुछ तो गड़बड़ है जिसके चलते ये हालात बन रहे हैं। कांग्रेस में शायद निवाचित नेताओ का भी सम्मान नही है। या फिर हमारे आगे कोई नही या हमसे आगे ना बढ़े कोई की नीति है। यह तो सबने देखा है कि कांग्रेस में आदिवासी उत्थान नही है। जाने कितने आदिवासी नेता बने मगर उनका दमन कर दिया गया। गोंडवाना के मनमोहन तक का दमन करने के लिए क्या – क्या नही किया गया खुद आदिवासी नेता बने फिर रहे कांग्रेसी इसके गवाह हैं।इसलिए अब आदिवासी नेता ही नही पूरा आदिवासी वर्ग ही भाजपा की राह पर चल पड़ा लगता है। फिलहाल दीपक सक्सेना ना सही भाजपा ने कांग्रेस के एक मौजदा विधायक को पार्टी में लाकर कांग्रेस का एक विकेट तो गिरा दिया है। कमलेश शाह पहले निवाचित नेता हैं जो भाजपा में आए हैं। इसके लिए उन्होंने विधायकी तक छोड़ दी। अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भी भेजा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भी ।