
छिन्दवाड़ा – जन सेवा अभियान , विकास यात्राएं और हजारो लोगों की समस्याओं के निराकरण के जिला प्रशासन के दावे के बीच शुक्रवार को छिन्दवाड़ा जिले की मोहखेड़ तहसील के गांव नरसला के किसान ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली कि गांव में दबंगो ने उसके खेत की जमीन पर कब्जा कर लिया था और प्रशासन किसान की शिकायत के बाद भी उसे न्याय नही दिला सका था जबकि यह किसान जब जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत लेकर आया था तब सुनवाई ना होने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट में ही जहर पी लिया था तब तत्काल ही अधिकारियों ने जिला अस्पताल में उसे भर्ती कराया था इस घटना को एक साल से ज्यादा का समय बीत गया किन्तु किसान की समस्या का समाधान ना होने से शुक्रवार को इस किसान ने अपने खेत के एक वृक्ष में फांसी का फंदा बनाया और लटक कर अपनी जान दे दी है जानकारी के अनुसार तहसील मोहखेड़ के ग्राम नरसला के किसान नरेश पवार ने आत्महत्या की है नरेश पवार के पास 15 एकड़ पुश्तैनी जमीन बेहरिया भुताई में है इस जमीन के कुछ हिस्से में गांव के दबंगो ने कब्जा कर रखा है अवैध कब्जे से मुक्ति दिलाने की गुहार लेकर ही किसान गत 7 दिसंबर 2021 को कलेक्ट्रेट आया था और तहसील में कोई सुनवाई ना होने का आरोप लगाते हुए उसने कलेक्ट्रेट में ही जहर पी लिया था इसके बाद किसान ने फिर दोबारा मोहखेड़ तहसील परिसर में भी जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था किसान की आत्महत्या की दो – दो कोशिश के बावजूद छिन्दवाड़ा के भ्रष्ट अधिकारियों की नींद नही टूटी और शुक्रवार को इस किसान नरेश पवार ने अपनी विवादित जमीन के वृक्ष ही फांसी के फंदे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान ने आत्महत्या क्यों की है मोहखेड़ पुलिस मामले की जांच कर रही है