फर्जी वीडियो कांड : भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू की माँ बोली परमात्मा माफ नही करेगा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पी ए आर के मिगलानी ने ने किया चरित्र हनन का षड्यंत्र
क्या 45 साल के बंटी 45 साल राजनीति कर चुके कमलनाथ पर पड़ रहे हैं भारी ?
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
कहते हैं माँ की दुआ में ताकत होती है और यदि बददुआ दे दे तो वह भी खाली नही जाती है। छिन्दवाड़ा लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी विवेक बंटी साहू की माँ ने जब कमलनाथ के पी ए राजेन्द्र कुमार मिगलानी की करतूत सुनी तो वे चुप ना रह सकी। बोली कि मैं बंटी की माँ हूँ। मैन उसे जन्म दिया है। बंटी पर माँ नर्मदा और दादा धूनी वाले की कृपा है। परमात्मा ने उसे छिन्दवाड़ा की जनता की सेवा के लिए जंन कल्याण के लिए चुना है मौका दिया है ।उसे इतना मानसिक परेशान ना करे । वो परमात्मा का बेटा है और परमात्मा माफ नही करेगा। माँ है राजनीति के दांव – पेंच भी जानती है और ही राजनीति में चरित्र पतन के शस्त्र को भी पहचानती है । वो माँ है उसके पास किसी की ताकत हो ना हो परमात्मा की ताकत है। इसलिए कहा है कि इतना परेशान ना करो परमात्मा माफ नही करेगा।
एक माँ हमेशा हर परिस्थिति में अपने बेटे का सरंक्षण करती हैं। जब विवेक बंटी साहू मामले की रिपोर्ट लिखाने कोतवाली थाना पहुंचे तो साथ उनकी माँ भी थी पिता भी थे पत्नी भी थी और छोटा भाई भी था।अपने परिवार का मान ,सम्मान प्रतिष्ठा की रक्षा पूरे परिवार का दायित्व है। बंटी साहू का जीवन अब सार्वजनिक है। सार्वजनिक जीवन मे शुचिता का होना ही चरित्र है तो सवाल यह भी है कि जो आरोप लगा रहे हैं। फर्जी वीडियो बनवा रहे हैं उनके जीवन मे शुचिता है क्या। कमलनाथ के पी ए कमलनाथ के सर्वेंट है सार्वजनिक नेता नही है।
साहू परिवार इस बात से गर्वित है कि भाजपा ने उनके बेटे विवेक को छिन्दवाड़ा की राजनीति में स्थापित होने का इतना बड़ा मौका दिया है। बंटी साहू आज छिन्दवाड़ा की सियासत में भाजपा का सबसे बड़ा नाम है। इस नाम को खराब करने कमलनाथ केम्प में उनके पी ए चारित्रिक पतन का षड्यंत्र रचते हैं। कहना ना होगा कि कमलनाथ – नकुलनाथ को शायद यह बात ही सहन नही हो रही है कि छिन्दवाड़ा में कोई नेता। उनसे कही ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। उनके लिए चुनौती बनकर खड़ा है। वैसे कमलनाथ की राजनीति का इतिहास देखा जाए तो उन्होंने छिन्दवाड़ा में अपने लिए चुनौती बनने वाले हर नेता को अपने रास्ते से हटाया है। छिन्दवाड़ा की राजनीति में कभी चमके कांग्रेस पार्टी के ही कई स्थानीय नेताओं को वे दरकिनार कर चुके हैं। लाला सुंदर लाल जैसवाल विजय पाटनी, परसराम धुर्वे, माधवलाल दुबे ,अनुसुइया उइके,अजय चौरे, कृपा शंकर भार्गव , हरिशंकर उइके ,प्रेमनारायण ठाकुर ऐसे ही कुछ नाम है। इतना ही नही जब गोंडवाना के मनमोहन शाह बट्टी भी उनके लिए चुनौती बने तो गोंडवाना को भी धन बल के दम पर तोड़ने में कोई कसर बाकी नही रखी गई थी और दिखावे के लिए दुख जताने वाले पहले नेता भी कमलनाथ ही थे जो कोरोना के समय उनके निधन पर उनके परिजनों से मिलने गए थे। बात खरी – खरी ना हो तो गोंडवाना के वे नेता अब अपनी हालत देख ले जो कांग्रेस में मजबूरी में अब भी बने हुए हैं। इतना ही नही प्रहलाद पटेल के चुनाव के समय भी दंगा कराकर उनके चरित्र हनन की कोशिश की गई थी। सांसद बनने के बाद नकुकनाथ भी पिता के नक्शे कदम पर है। उन्होंने भी छिन्दवाड़ा के दूसरे लोकप्रिय नेता दीपक सक्सेना के पर कतरने का काम अपने दूसरे पी ए संजय श्रीवास्तव के माध्यम से किया परिणाम दीपक सक्सेना पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। 45 साल तक कांग्रेस से जुड़ा नेता कांग्रेस छोड़ देता है और पार्टी एक सवाल भी नही करती क्योकि पार्टी तो इनकी जेब मे है।
छिन्दवाड़ा में विवेक बंटी साहू के बढ़ते कदमो को रोकने के लिए भी यही सब कुछ हो रहा है। छिन्दवाड़ा में बंटी साहू के लिए पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष आते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री आते हैं। प्रदेश अध्यक्ष आते हैं और तो और मुख्यमंत्री आते हैं केबिनेट मंत्री तो डेरा ही लगा लेते हैं। ये लोकप्रियता यह कद वो भी इतनी छोटी उम्र में सवाल यही है कि 45 साल के बंटी 45 साल की राजनीति कर चुके कमलनाथ पर भारी पड़ रहे हैं जिन्हें नीचा दिखाने जनता की नजर से गिराने के लिए कांग्रेस के नेता चारित्रिक पतन कराने के षड्यंत का सहारा लेते हैं। कांग्रेस के नेताओ के लिए यह कोई बड़ी बात नही क्योंकि यह तो उनके डी एन ए में है। यही कारण है कांग्रेस का पूरे देश से पतन हो रहा है और अब बारी छिन्दवाड़ा की आ गई है।