टेंशन और मानसिक दवाब दूर करती है खुलकर हंसी
जाने कितना जरूरी है सेहतमंद रहने के लिए हंसना
रोजाना हंसें दिल खोलकर ..
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हंसी प्राकृतिक दर्द नाशक दवा का भी काम करती है
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हंसने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा बढ़ती है
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हंसने से टेंशन और कई मानसिक दबाव दूर होते हैं
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खुलकर हंसना अपने आप में एक अच्छा व्यायाम है
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नियमित हंसी करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
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शारीरिक सक्रियता भी बढ़ती है
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हंसने के नियमित अभ्यास से सोच सकारात्मक बनती है
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चेहरा खिलता है. झुर्रियां कम पड़ती है
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खुश रहने वाले लोगों का सोशल कांटेक्ट भी ज्यादा होता है।
हँसने से शरीर के कार्टिसोल व एड्रेनलिन हारमोन कम होते हैं और एंडोर्फिन जाती हैं। और फिराटिनिन अच्छे हार्मोन बढ़ते हैं। इससे मन प्रसन्न रहता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बुढ़ापे की प्रक्रिया धीमी होती है। इसके विपरीत जो हंसमुख स्वभाव के नहीं होते, उनके स्ट्रेस हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं और लेवल बढ़ने पर माइग्रेन, सर्वाइकल, शुगर लेवल का बढ़ना, सिरदर्द, घबराहट, कब्ज जैसी समस्याएं घेर लेती हैं। हमेशा चेहरा थका थका तनाव भरा और मुरझाया लगता है।
जुकाम, खांसी, नजला, स्किन प्रॉब्लम, एलर्जी जैसी समस्याएं तभी पैदा हंसी ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल होती हैं जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। अगर हम प्रातः जोर जोर से हंस लेते हैं तो यह अपने आप में प्राणायाम हो जाता है क्योंकि हंसते हुए हमारा पेट अंदर को चला जाता है जिससे कार्बन डाईआक्साइड बाहर निकल जाती है और ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता 20 प्रतिशत बढ़ जाती है। हंसी से इन बीमारियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।फेफड़ों के लिए हंसना एक उत्तम व्यायाम है क्योंकि जब हम जोर से हंसते हैं तो झटके से सांस छोड़ते हैं और फेफड़ों में फंसी हवा बाहर निकल जाती है और फेफड़ों की सफाई अच्छी तरह से जाती है।हंसने से दिल का भी व्यायाम हो जाता है। चेहरे, हाथ, पैर, पेट, गले की मांसपेशियों की कसरत भी हो जाती है और श्वांस नलिकाओं की हल्की कसरत भी हो हंसने से रक्त संचार सुचारू रूप से शरीर में होता है और हमारी मांसपेशियां रिलेक्स हो जाती हैं। जब हम हंसते हैं तो हम अपनी तकलीफ कम महसूस करते हैं या कुछ समय के लिए भूल जाते हैं कि हमें कुछ तकलीफ है क्योंकि उस समय हमारे मन में विचार अच्छे आते हैं उन्हीं विचारों को हमारा शरीर वैसे ही रिएक्ट करता है