प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ले रहे छिन्दवाड़ा की रिपोर्ट, विवेक बंटी साहू को पिपरिया सभा मे बुलाया, इतिहास रचने का दिया संदेश
भाजपा के स्थानीय नेताओं को किया लाइनअप, पिछले चुनाव की तरह न हो कोई चूक
मोदी फेक्टर में पिछले चुनाव में बढ़े थे एक लाख से ज्यादा वोट
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
मध्यप्रदेश में छिन्दवाड़ा संसदीय क्षेत्र “सेंट्रल कमांड” में है। इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी छिन्दवाड़ा की रिपोर्ट ले रहे हैं। देश मे चुनाव प्रचार सभाओं में व्यस्त देश के प्रधानमंत्री जब मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम संसदीय क्षेत्र में जनसभा के लिए रविवार को पिपरिया आए थे। तब उन्होंने छिन्दवाड़ा के लोकसभा उम्मीदवार विवेक बंटी साहू को विशेष रूप से पिपरिया बुलाया था। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवेक बंटी साहू का “मान – सम्मान” बढ़ाया और भारी तवज्जो देकर “छिन्दवाड़ा विजय” का इतिहास रचने का संदेश दिया है। इस सभा मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवेक बंटी साहू को विशेष ट्रीट देते हैं। मंच से उनकी जीत का आह्वान करते हैं। खास बात यह भी है कि पिपरिया की सभा मे मंच पर और मंच लगे हॉर्डिंग्स में विवेक बंटी साहू को विशेष स्थान दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश में इतिहास रचना इसलिए है कि भाजपा अब तक छिन्दवाड़ा को फतह नही कर पाई है। जब बंटी साहू जीतेंगे तो यह छिन्दवाड़ा के लिए इतिहास होगा। भाजपा की जीत से सही मायने में छिन्दवाड़ा की राजनीति में बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन भी आएगा। यदि ऐसा हुआ तो छिन्दवाड़ा अगले 5 साल में ही विकास की उस पटरी पर आ जाएगा कि लोग 45 साल से चली आ रही एक ही गाथा को भूल जाएंगे।
छिन्दवाड़ा में अब तक के सत्रह लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए यह गौर करने वाली बात है कि जब 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ा था। तब छिन्दवाड़ा से कांग्रेस के कमलनाथ के विरुद्ध भाजपा ने चौधरी चंदभान सिंह को उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में कमलनाथ को 5 लाख 59 हजार 755 वोट मिले थे और चौधरी चंदभान सिंह को 4 लाख 43 हजार 218 वोट मिले थे। चौधरी चंदभान यह चुनाव 1 लाख 16 हजार 537 मतों के अंतर से हारे थे।
इसके बाद मोदी फेक्टर में जब 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा गया था। तब मोदी फेक्टर से छिन्दवाड़ा भी वंचित नही रहा था। भाजपा मध्यप्रदेश में 29 में से 28 सीट जीती थी। तब छिन्दवाड़ा में कांग्रेस के नकुलनाथ को 5 लाख 87 हजार 305 वोट मिले थे और भाजपा के नत्थन शाह को 5 लाख 49 हजार 769 वोट मिले थे। नत्थन शाह यह चुनाव केवल 37 हजार 536 वोट से हारे थे। मोदी फैक्टर में भाजपा ने छिन्दवाड़ा सीट पर 1 लाख 4 हजार 551 वोट बढ़ाए थे। चौधरी चंदभान के मुकाबले नत्थन शाह को 1 लाख 6 हजार 541 वोट ज्यादा मिले थे।
चार विधानसभा से नकुलनाथ को मिली थी हार ..
बड़ी बात यह भी थी कि विधानसभा चुनाव के 6 माह बाद ही हुए लोकसभा के चुनाव में जिले की सातों सीट पर कांग्रेस के विधायक रहते हुए यह बढ़त मिली थी । इस चुनाव में नकुलनाथ जिले की सात सीट में से चार सीट परासिया,सौसर, चौरई और पांढुर्ना हार गए थे। भाजपा को परासिया से 4 हजार 743, सौसर से 4 हजार 645, चौरई से 1हजार 497 और पांढुर्ना से 848 वोट से जीत मिली थी। नकुलनाथ छिन्दवाड़ा से 15 हजार 71, अमरवाड़ा से 22 हजार 256, और जुनारदेव से 12 हजार 86 वोट से ही जीत पाए थे। इसमे सबसे बड़ी जीत अमरवाड़ा से ही मिली थी।
तो पिछले चुनाव में ही धूल जाता हार का कलंक ..
भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने छिन्दवाड़ा के पिछले लोकसभा चुनाव के परिणाम का गहन चिंतन – मनन किया है। जिसमे पाया है कि यदि छिन्दवाड़ा में भाजपा “थोड़ी मेहनत” और कर लेती तो छिन्दवाड़ा में अपनी हार का “कलंक” पिछले चुनाव में ही धो चुकी होती। बस थोड़ी सी चूक में यह बड़ी चूक हो गई कि छिन्दवाड़ा की सीट हाथ आते – आते निकल गई थी। पार्टी के स्थानीय नेताओं ने लोकसभा चुनाव में अब तक के सबसे ज्यादा वोट पाने के बाद भी विशेष ध्यान नही दिया था। इसलिए इस चुनाव में अब छिन्दवाड़ा की कमान डायरेक्ट केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के पास है। ताकि मामूली वोट के अंतर की खाई को पाटकर छिन्दवाड़ा सीट भी निकाली जा सके। बढ़ते मोदी फेक्टर में यह कोई बड़ी बात नही है।
स्थानीय नेताओं को कर दिया गया है लाइनअप ..
भाजपा ने तो अमेठी से राहुल गांधी को हरा दिया तब छिन्दवाड़ा पार्टी के लिए मुश्किल नही है। बस पार्टी प्रबन्धन में कही न कही मार खा रही थी। स्थानीय नेताओं की गुटबंदी में पार्टी मोदी फैक्टर के बाद भी हाशिए पर ही खड़ी नजर आ रही थी। कांग्रेस को इसी बात का बड़ा फायदा मिल रहा था। पार्टी के शीर्ष नेताओं को यह बात घर कर गई है। अब सातों विधानसभा में बिखरे नेताओ को लाइनअप कर रिजल्ट ओरिएंटेड काम पर लगाया गया है । देश मे वर्तमान में मोदी फेक्टर और ज्यादा बढ़ा है। जिसके चलते डंके की चोट पर तीसरी बार मोदी सरकार का नारा पूरे देश मे बुलंद हैं।तब छिन्दवाड़ा क्यो इससे वंचित रहे।
हर हाल में जीत के लक्ष्य पर भाजपा ..
छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश का वह संसदीय क्षेत्र है जहाँ केंद्र और प्रदेश सरकार के सबसे ज्यादा हितग्राही है तब तो भाजपा को इस बार एक नही दो नही सीधे करीब पांच लाख वोट बढ़ने का अनुमान है।इस गणित पर ही भाजपा छिन्दवाड़ा में खंभ ठोंक रही है। पार्टी मैनेजमेंट में कोई गड़बड़ी ना हो इसको लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को छिन्दवाड़ा की कमान दे दी गई है। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व से मध्यप्रदेश के प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, छिन्दवाड़ा लोकसभा प्रभारी नरेश दिवाकर लगातार छिन्दवाड़ा में ही बने हुए हैं। छिन्दवाड़ा की जबर्ददत ढंग से मोनिटरिंग की जा रही है। छिन्दवाड़ा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा स्वयं छिन्दवाड़ा का दौरा करते हैं। पार्टी के दिग्गज अमित शाह 16 अप्रैल को यहां रोड शो करेंगे साथ ही छिन्दवाड़ा में ही केम्प भी करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव लगातार छिन्दवाड़ा दौरे पर हैं। इतना आखिर यू ही तो नही है लक्ष्य है छिन्दवाड़ा को हर हाल में जीतना ही है।
प्रधानमंत्री से मुलाकात से गद- गद है बंटी …
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद विवेक बंटी साहू गद – गद है और इससे छिन्दवाड़ा का गौरव भी बढ़ा है कि देश के प्रधानमंत्री को भी छिन्दवाड़ा सीट की चिंता है।इस पल में बंटी साहू की खुशी का ठिकाना ही नही रहा जब वे प्रधानमंत्री के मंच पर थे। प्रधानमंत्री छिन्दवाड़ा विजय के लिए उनका नाम लेकर मंच से आह्वान करते हैं। इतने बड़े जनसमूह से विवेक बंटी साहू का परिचय कराते हैं। भाजपा में अनुशासन के साथ शीर्ष नेतृत्व की सहजता एक – एक सीट और उम्मीदवार की चिंता जनता भी देखती है और कायल होती है।इधर कांग्रेस में तो ऐसा कुछ नजर ही नही आता है।ना राहुल गांधी छिन्दवाड़ा को पूछते है ना ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मालिककार्जुन खड़गे छिन्दवाड़ा की खबर रखते हैं।यहां के नेता तो शायद स्वयं भू है । अपने आप को ही सब कुछ मानते हैं। पार्टी के नाम को छोड़कर केवल अपना ही नाम चला रखा है। खबर तो यह भी है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनकी बनती भी नही है।