कुंडीपुरा में शराब दुकान का विरोध : 40 दिन से चल रहा क्षेत्र वासियो का धरना, जनता की नही सुन रहा प्रशासन, हटाने की जगह ठेकेदार का माल भरवाने पहुंचा था आबकारी
युवा, महिलाएं ,बच्चे , बुजुर्ग रोज कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अपने हर भाषण में कहते हैं कि प्रदेश की सरकार जनता की सरकार है जो अधिकारी जनता की नही सुनेगा उसे हटा दिया जाएगा। किन्तु इसके उलट छिन्दवाड़ा जिला प्रशासन के अधिकारी मुख्यमंत्री को भी चेलेंज करते नजर आते हैं। जनता की आवाज उनके कानों तक नही जनता उनके दफ्तर के दरवाजे तक भी चली जाए तो वे सुनते नही है। मामला छिन्दवाड़ा शहर में सिवनी मार्ग पर पुराने कुंडीपूरा थाना के सामने रिहायशी बस्ती में नई शराब दुकान खोलने का है। यहां एक ठेकेदार ने बिना किसी की अनुमति के शराब दुकान बनवा ली है। दुकान के निर्माण की नगर निगम से कोई अनुमति नही ली गई है। जब ठेकेदार यहां शराब दुकान खोलने पर आमादा हुआ तो क्षेत्र वासियो ने विरोध का मोर्चा खोल दिया। क्षेत्रवासी विगत 40 दिनों से यहां लगातार धरना दे रहे हैं कि यह रिहायशी बस्ती है यहां कोचिंग सेंटर, आई टी आई और नर्सिंग कालेज के साथ ही आवासीय कालोनियां है यहां शराब दुकान ना खोली जाए। रोज क्षेत्र के बुजुर्ग, युवा और महिलाओं से लेकर बच्चे तक यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसको लेकर क्षेत्रवासी कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन कर चुके हैं। जिला प्रशासन से लेकर एस डी एम, और जिला आबकारी अधिकारी को भी ज्ञापन दे चुके हैं कि शराब दुकान यहां नही होना चाहिए। प्रशासन को जनता की बात मानना चाहिए था। लेकिन जिला आबकारी अधिकारी अजीत इक्का जनता की मांग के विरोध में स्वयं ही यहां दुकान खुलवाने पहुंच गए थे। इसके लिए उन्होंने एस डी एम और तहसीलदार सहित पुलिस बल भी बुलवा लिया साथ ही ठेकेदार यहां दुकान में शराब का स्टॉक रखने माल लेकर भी आ गया था।इस दौरान अधिकारियों की जनता से जमकर हुज्जत हुई और बड़ी संख्या में लोगो के एकत्र होने पर जिला आबकारी अधिकारी का यह प्रयास सफल नही हो पाया।
जिला आबकारी अधिकारी तो इस शराब दुकान को खुलवाने का ऐसा प्रयास कर रहे हैं जैसे ठेकेदार के साथ उनकी पाटर्नर शिप हो।वैसे भी शहर में जिन – जिन स्थानों पर शराब दुकाने है हर जगह क्षेत्रवासियों का विरोध ही है। आबकारी विभाग ने किसी भी स्थान के लिए क्षेत्रवासियों की एन ओ सी नही ली है कि शराब दुकान के स्थान से क्षेत्रवासी सहमत हैं या नही जबकि शासन का यह नियम है कि यदि क्षेत्र वासी सहमत नही है तो बस्ती में शराब दुकान नही खोली जा सकती है। इसके लिए शहर के सीमांत क्षेत्र के चयन का प्रावधान है। आबकारी ने यहां छोटे से क्षेत्र में ही एक दो नही बल्कि पांच – पांच शराब दुकान खोल रखी है। बात केवल चार फाटक क्षेत्र की है तो यहां पदम काम्प्लेक्स, मालधक्का, चौपाल सागर के पास ,पातालेश्वर, और नरसिंहपुर नाका में संकट मोचक मन्दिर के पास आबकारी ठेका की दुकाने है।
आबकारी विभाग इस नई दुकान को लेकर स्थिति स्पष्ट नही कर रहा है कि यह दुकान यहां क्यो खोली जा रही है। नए वित्तीय वर्ष के लिए ठेका हो चुका है और शासन ने शहर तो क्या पूरे जिले में कही भी नई शराब दुकान खोलने की अनुमति नही दी है तब यह नई दुकान कैसे। बताया गया कि इसी क्षेत्र में रेलवे के पुराने मॉल धक्का के पास ठेकेदार की शराब दुकान संचालित है। यह ठेकेदार मालधक्का के अलावा यहां भी दुकान करना चाहता है। जिसमे आबकारी विभाग क्षेत्र के वाशिंदों के विरोध को नजर अंदाज कर दुकान खोलने में ठेकेदार की मदद कर रहा है। इस दुकान का ठेका करीब 8 करोड़ का बताया गया है। ठेकेदार ने सेल बढ़ाने के लिए यहां अपने पाटर्नर्स के साथ मिलकर नई दुकान का यह रास रचा है जो जनता की अदालत के कटघरे में आ गया है और जिला प्रशासन में सुनवाई ना होने पर हाई कोर्ट जबलपुर तक भी पहुंच गया है।
अधिकारियों के ना सुनने पर हाई कोर्ट की शरण..
क्षेत्र वासियो को धरना देते 40 दिन हो चुके हैं। जिला प्रशासन ने जनता की आवाज नही सुनी है। ऐसे में क्षेत्र वासियो ने अब जबलपुर हाई कोर्ट की शरण ले ली है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि इस मामले में 40 दिन के लगातार धरना के बाद भी प्रशासन एक्शन में नही आया उल्टे आबकारी अधिकारी ने एस डी एम ,तहसीलदार और पुलिस फ़ोर्स को बुलवाकर दुकान में ठेकेदार की शराब भरवाकर दुकान खुलवाने के प्रयास किया है। हम यहां किसी हालत के शराब की दुकान नही खुलने देंगे। इसके लिए हमने जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। याचिका में 10 मई को सुनवाई होगी। हमने हाई कोर्ट से भी यही निवेदन किया है कि रिहायशी बस्ती में शराब दुकान नही होना चाहिए।