छिन्दवाड़ा को मिले और “दस” सी एम राइज स्कूल, गांवो में निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूल
अब छिन्दवाड़ा में हो जाएंगे 18 सी एम राइज स्कूल
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
प्रदेश सरकार ने छिन्दवाड़ा लोकसभा क्षेत्र को और 10 सी एम राइज स्कूल की मंजूरी दी है। इसके बाद छिन्दवाड़ा प्रदेश में सबसे ज्यादा सी एम राइज स्कूल वाला जिला बन गया है। छिन्दवाड़ा में पहले से ही आठ सी एम राइज स्कूल भवन सहित स्वीकृत है। अब छिन्दवाड़ा में सी एम राइज स्कूल की संख्या 18 हो जाएगी।
एक स्कूल भवन की लागत 45 करोड़ है। इस नए शिक्षा सत्र से 10 स्कूल और शुरू हो रहे हैं। ये स्कूल अभी मौजूदा स्कूल में ही शुरू होंगे। इनके लिए भी 45 – 45 करोड़ की लागत से नए स्कूल भवन बनेंगे। भवन के लिए जमीन आवंटन सहित प्रस्ताव मांगा गया है। ये स्कूल बड़कुही, न्यूटन, चौरई, सिंगोड़ी, मोहखेड ,पिपला नारायनवार, लोधीखेड़ा, मोहगांव, और अमरवाड़ा में शुरू होंगे।
2023 में शिवराज सरकार ने पहले छिन्दवाड़ा के गुरैया, सौसर, परासिया और पांढुर्ना में सी एम राइज स्कूल स्वीकृत किया था। इसके बाद “ट्राइबल” में खमारपानी, तामिया ,दमुआ और हर्रई में चार स्कूलो की स्वीकृति दी गई थी। वर्तमान में जिले 40 – 40 करोड़ की लागत से आठ “सी एम राइज” स्कूल भवन निर्माणाधीन है।
सी एम राइज स्कूल प्रदेश सरकार का नया शिक्षा मॉडल है। इन स्कूलों में नर्सरी से बारहवीं तक की शिक्षा अंग्रजी माध्यम में सी बी एस ई बोर्ड पैटर्न पर दी जाती है। स्कूली शिक्षा में नवीन संशोधन का समावेश कर आधुनिककरण, बच्चों का सर्वांगीण विकास, स्कूलों की संरचना में व्यापक सुधार, बच्चों की शिक्षा एवं अन्य गतिविधियों में जागरूकता बढ़ाने सरकार का यह नया प्रयास है।
स्कूल भवन का अपना मॉडल तैयार किया गया है। जिसमे कवर्ड कैपस में स्कूल भवन होगा। जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, आडिटोरियम, ग्रन्थालय, आई टी सी लैब, स्पोर्ट्स, काम्प्लेक्स सहित जिम, खेल मैदान, होस्टल, बस सहित अन्य सुविधा के साथ ही सभी पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जाएगी। यह बड़ी बात है कि प्रदेश की सरकार ने सबसे ज्यादा सी एम राइज स्कूल छिन्दवाड़ा को दिए हैं। ताकि ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को भी निजी स्कूलों की तरह बेहतर शिक्षा उनके गांव में ही उपलब्ध हो सके।
जिला शिक्षा अधिकारी जी एस बघेल ने बताया कि प्रदेश शासन ने छिन्दवाड़ा में दस सी एम राइज स्कूल की और स्वीकृति दी है। अभी ये स्कूल मौजूदा स्कूल में ही शुरू किए जाएंगे।