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गोलगंज जैन मंदिर स्थित संत निवास में धर्म सभा को आचार्य श्री ने किया संबोधित
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कहा कि व्यवहार धर्म संसार मार्ग और मोक्ष मार्ग दोनो में जरूरी
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
जैन आचार्य श्री 108 प्रज्ञा सागर महाराज का रविवार को 19 साल बाद छिंदवाड़ा नगर आगमन हुआ। सकल जैन समाज ने खुशियों के साथ उनकी शोभा यात्रा के साथ मंगल अगवानी की है। आचार्य श्री की शोभा यात्रा शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए गोलगंज जैन मंदिर के संत निवास पहुंची जहां उन्होंने धर्म सभा को संबोधित किया।
आचार्य श्री ससंघ रविवार को सुबह पिंडरई से बिहार करते पदम परिसर पहुंचे जहां सकल दिगंबर जैन महासभा और सकल जैन समाज के पदाधिकारियो सहित बड़ी संख्या में श्रावक महिला, पुरुष बच्चों ने महाराज श्री की मंगल अगवानी करते हुए शोभा यात्रा निकाली। शोभायात्रा चार फाटक ,गणेश चौक, छोटी बाजार, मेन रोड होते हुए गोलगंज मन्दिर संत निवास पहुंची जहां आचार्य श्री ने धर्म सभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि कितना अच्छा लगता है वर्षो बाद अपनों से मिलकर अपनों के बीच में बैठना 19 वर्षों बाद आपकी और हमारे बीच में कितने लोग आ गए हैं जो तब चार-पांच-छह वर्षों के थे अब जवान 24 , 25 साल की हो गए और जो तब 17-18 सालों के से अब उनके 1, 2, 3 साल के बच्चे हो गए हैं यह परिवर्तन ही समाज का नियम है संसार का नियम है । जो चित्र लगाने में लगे रहते हैं वह संसार के चक्कर में फंस जाते है, संसार चक्की के समान है इसके दो पाट है, जो एक धुरी या कील के चारो तरफ घूमते है, इसमें जो जाता है पिस जाता है, पर जो कील से चिपका रहता है वह पिसने से बच जाता है।
आचार्य श्री ने कहा कि प्रभु या गुरु संसार चक्र में कील या धुरी के समान है जो गुरु से या प्रभु से जुड़ा रहता है वह इसमें फंसने से या पिसने से बच जाता है। कोई बालक अपने पिता की उंगली पकड़ कर चलता है तो वह भटक नही सकता, इसी प्रकार आप गुरु की उंगली पकड़ कर चलोगे तो संसार सागर में नही भटकोगे, पिता की उंगली छोड़ कर भटका बालक और पिता दोनो एक दूसरे को ढूंढते है, पर गुरु की उंगली छोड़ोगे और बिछड़ोगे तो तुमको गुरु को खोजना पड़ेगा, गुरु नही खोजेगा। गुरु का आशीर्वाद से तुम्हारा पेट और पेटी दोनो भरे रहते है, पेटी भरी रहेगी तभी तुम निश्चिन्त होकर यहां गुरु के पास बैठोगे, यही व्यवहार है। व्यवहार धर्म संसार मार्ग और मोक्ष मार्ग दोनो में जरूरी है।
संत निवास विमद सागर भवन में आचार्य प्रज्ञा सागर जी के साथ मुनि शांति तीर्थ , मुनि प्रिय तीर्थ के मंच पर विराज मान होने के उपरांत सकल दिगंबर जैन महासभा और सकल जैन समाज के पदाधिकारी ने उन्हें श्रीफल भेंट कर छिंदवाड़ा में प्रवास करने का निवेदन किया, आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन करने का सौभाग्य कैलाश पाटनी , मनोज, नीरज ,पंकज , पुलकित पाटनी परिवार को मिला। आचार्य श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य बाबूलाल पाटोदी परिवार को मिला। मंगलाचरण बहु – बेटी मंडल ने किया।
पिंडरई से आचार्य संघ के छिंदवाड़ा आगमन पर अमित सेठी, राजकुमार जैन, मंत्र जैन, सोनू शर्मा ने स्वागत सम्मान किया ।, बाल ब्रह्मचारिणी कविता दीदी और सुनीता दीदी ने आचार्य श्री को श्री फल भेंट कर आशीर्वाद लिया। आचार्य श्री के छिन्दवाड़ा विहार में रूपल बाकलीवाल, पारुल बाकलीवाल, संतोष बाकलीवाल, सुरभि बाकलीवाल, आदित्य बज, अमन पाटनी , मनोज पाटनी, सविता पाटनी को आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ने अपना विशेष आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर एल सी जैन, प्रमोद पाटनी, अशोक वैद्य, रत्नेश जैन, सुजीत जैन, विशाल जैन, शैलेंद्र जैन, अभय जैन, अनिल बज, राजेश पाटनी, प्रफुल बाकलीवाल, बाबूलालजी पाटोदी, संतोष पाटनी, विनोद जैन मासाब, पंडित शरद बनारसी, पवन बाकलीवाल, राजेंद्र पाटोदी, अशोक बाकलीवाल, चंदू जैन, सचिन जैन, हैप्पी गोयल, राजकुमार जैन अरिहंत, अनिल गोयल, महेंद्र पाटोदी, अभय जैन पेटी, कमल पाटनी, जित्तू वैद्य, विजय गोयल, प्रभात गोयल, राजेंद्र बाकलीवाल, विजय किरण जैन, प्रीतेश जैन जैकी, विवेक गोयल, रोहित मोदी, अमूल कौशल, जितेंद्र जैन, अनिल जैन, विनय लुहाड़िया, विनोद लुहाड़िया मनोज बाकलीवाल, टोनू लुहाड़िया, शैलेश जैन, संजू चंदेरिया, सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष बच्चे उपस्थित थे।
सकल जैन महासभा के महामंत्री पंकज पाटनी ने बताया कि आचार्य श्री की धर्म सभा गोल गंज जैन मंदिर संत निवास में प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे से होगी। इसके पश्चात आहार चर्या, स्वाध्याय दोप 3:00 बजे और गुरुभक्ति, आनंद यात्रा सायं 7:00 बजे से होगी, सकल दिगंबर जैन महासभा ने समाज के सभी वर्गो से कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।