छिन्दवाड़ा – छिन्दवाड़ा भी किसी धर्म नगरी से कम नही है धर्म प्रेमियों की धर्मदेशना से छिन्दवाड़ा में धर्म गुरुओं का आगमन और उनके मुखारबिंद से धर्म आध्यत्म की धर्म उपदेशना छिन्दवाड़ा को मिलती है शहर के प्रतिष्ठित नरेंद्र साहू , विवेक साहू बंटी, नवीन साहू परिवार ने अगले माह फरवरी में 9 से 19 फरवरी तक शहर के दशहरा मैदान में शिव महापुराण का आयोजन किया है इस आयोजन में देश की धर्म नगरी ब्रज में अपनी साधना से ठाकुर नाम पाने वाले विश्व विख्यात आध्यत्मिक गुरु पुराण वाचक , भजन गायक कथाकार ,प्रवचनकार देवकी नंदन ठाकुर महाराज आएंगे और शिव पुराण पर 10 दिनों तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक प्रवचन करेंगे आचार्य देवकी नंदन ठाकुर महाराज को पूरा देश जानता है श्री राम कथा हो या भागवत या फिर शिव महापुराण उनका ज्ञान महाकोष हर किसी को आकर्षित करता है 6 वर्ष की आयु से देवकी नंदन महाराज ज्ञान साधना में लग गए थे औऱ अपने गुरु की आज्ञा से उन्होंने प्रवचन करना शुरू किया था महाराज अब तक देश -विदेश में हजारो कथाएं कर सनातन धर्म के पताका पुरुष बन चुके हैं आजकल वे टी वी डिबेट में भी सनातन हिन्दू धर्म भारत भूमि से लेकर भारत की संस्कृति पर गहरी विवेचना रखते हैं उन्होंने विश्व शांति ट्रस्ट भी बनाया है जिसके माध्यम से गौ -रक्षा अभियान, गंगा यमुना प्रदूषण मुक्ति , दहेज प्रथा, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, छुआछूत और आज के आधुनिक युग के युवाओं को भारतीय संस्कृति तथा संस्कारो से जोड़ने का कार्य प्रमुखता से होता है
तैयारी में जुटा साहू परिवार ..
साहू परिवार शिव महापुराण कथा के आयोजन की तैयारी में जुट गया है दशहरा मैदान में प्रतिदिन करीब एक लाख लोगों के बैठने की व्यापक व्यवस्था बनाने के साथ ही भजन कीर्तन गुरु पूजन गुरू दीक्षा के कार्यक्रम भी मैदान में प्रतिदिन होंगे शिव महापुराण कथा कवरेज भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर होगा संस्कार टी वी के साथ ही देश का मीडिया भी इस दौरान छिन्दवाड़ा में होगा
ऐसा रहेगा शिवमहापुराण की कथा का क्रम
- 9 फरवरी निज निवास से कलश यात्रा
- 10 फरवरी शिव महापुराण कथा महत्व
- 11 फरवरी आदि शिवलिंग पूजा विधि
- 12 फरवरी नारद मोह, कुबेर चरित्र वर्णन
- 13फरवरी सती -संध्या देवी कथा और शिव विवाह
- 14 फरवरी पार्वती प्राकट्य महोत्सव
- 15 फरवरी श्री गणेश प्राकट्य महोत्सव
- 16 फरवरी त्रिपुरासुर वध ,जालन्धर उद्धार
- 17 फरवरी शिव अवतार कथाएं
- 18 फरवरी द्वादश ज्योतिर्लिंगों का महत्व
- 19 फरवरी समापन हवन और भंडारा