छिन्दवाड़ा अस्पताल की पांचवी मंजिल से कूदकर मरना चाहता था वो ..?
सूचना पर कोतवाली पुलिस ने तत्काल पहुंचकर बचाई जान
छिन्दवाड़ा- छिन्दवाड़ा अस्पताल की बिल्डिंग के पांचवे माले पर पहुंचकर एक व्यक्ति छलांग लगाने की कोशिश में था ही कि कोतवाली पुलिस पहुंच गई और उसे नीचे उतार लाई यह व्यक्ति पांढुर्ना के राजना का रहने वाला है उसने ऐसा करने के पीछे जो कुछ बताया वह ग्राम पंचायतों के लिए सबक हो सकता है राजना गांव का रहने वाला मोनू सातनकर यह कोशिश कर रहा था अस्पताल प्रबंधन के कर्मियों को उसकी मानसिक स्थिति का अंदाजा होते ही उन्होंने पुलिस को खबर कर दी कि एक व्यक्ति अस्पताल बिल्डिंग के पांचवे माले से कूदकर आत्महत्या की कोशिश में है कोतवाली पुलिस के ए एस आई अमित यादव और प्रधान आरक्षक हितेश शर्मा तत्काल ही अस्पताल पहुंच गए और मोनू से बातकर उसे बिल्डिंग से नीचे ले आए नियम अनुसार तो उस पर आत्महत्या के प्रयास का अपराध दर्ज किया जाना था किन्तु बातचीत के समय उसकी मानसिक हालत देखकर पुलिस कर्मियों ने समझाकर छोड़ दिया दरअसल वह स्वयं बीमार था और अपने भांजे के साथ उपचार के लिए जिला अस्पताल आया था
ग्राम पंचायत ने सहायता नही की इसलिए था नाराज..
मोनू सातनकर ने पुलिस को बताया कि दो माह पहले मेरा बेटा गुजर गया पंचायत ने मेरी कोई सहायता नही की है इसलिए मैं नाराज हूँ पंचायत को मेरा सम्बल कार्ड बनाना था नही बनाया दो लाख की सहायता देना था नही दी मृत्यु के समय 5 हजार की राशि देना था वह भी नही मिली दरअसल मध्यप्रदेश शासन की संबल योजना में संबल कार्ड धारी को मृत्यु पर 2 लाख की सहायता परिजनों को देने का प्रावधान है साथ ही मृतक के अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार की राशि पंचायत तत्काल दे सकती है मोनू राजना ग्राम पंचायत से संबल कार्ड बनाकर सहायता देने की गुहार लगा चुका था लेकिन पंचायत ने उसका सम्बल कार्ड ही नही बनाया माली हालत ठीक ना होने पर वह शुक्रवार को छिन्दवाड़ा के जिला अस्पताल की बिल्डिंग से कूदने की फिराक में था पुलिस के समय पर पहुंचने से उसकी जान बच गई