छिन्दवाड़ा

छिन्दवाड़ा में खाली है शिक्षकों के 6 हजार पद

जिला शिक्षा समिति की बैठक में शिक्षा व्यवस्था पर मंथन

Metro City Media

आदिवासी विकास विभाग के 196 स्कूलों में नही एक भी शिक्षक..

मुकुन्द सोनी छिन्दवाड़ा-छिन्दवाड़ा जिले के ग्रामीण अंचलों में शिक्षा व्यवस्था के हाल-बेहाल हैं जिले के आदिवासी ब्लाक के  गांवो में ऐसे 196  स्कूल है जहां शिक्षक है ही नही और शिक्षा विभाग के  123  स्कूल ऐसे हैं जहां  केवल एक शिक्षक  ही है यह जानकारी किसी और ने नही स्वयं शिक्षा औऱ आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित जिला शिक्षा समिति की बैठक में दी है  दोनों विभाग के जिले भर मे 5  हजार से ज्यादा स्कूल है  बैठक की अध्यक्षता जिला शिक्षा समिति के अध्यक्ष अमित सक्सेना ने की बैठक में जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार सहित जिला शिक्षा समिति के सदस्य मौजूद थे बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में दोनो विभागों के स्कूलों में शिक्षकों के करीब 6 हजार पद खाली पड़े हैं जिन पर भर्ती होना है विभाग अतिथि  शिक्षक रखकर जैसे-तैसे काम चला रहा है सबसे ज्यादा बुरे हाल तो आदिवासी विकास विभाग के है जिसके 196 स्कूल ऐसे है जहां एक भी शिक्षक नही है शिक्षा विभाग तो ऐसे 100 से ज्यादा स्कूलों को बंद करने का फैसला लिए बैठा है जिला शिक्षा समिति ने जिले की शिक्षा व्यवस्था पर मंथन किया और अनेक फ़ैसलो के साथ शिक्षको के रिक्त पद भरने भर्ती प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए भी कहा गया है

जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष ने लगाई फटकार ..

बैठक में जिला शिक्षा समिति के अध्यक्ष अमित सक्सेना  ने इस स्थिति पर  दोनों विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है उन्होंने साफ तौर पर कहा कि स्कूलों का  ये क्या हाल बना रखा हैं उन्होंने अटैचमेंट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिले के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में अटेचमेंट एक बड़ी समस्या है आदेश के बाद भी अटेचमेंट समाप्त नही किए जा रहे हैं गाँव के स्कूलों मे पदस्थ शिक्षकों को शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में अटेच कर रखा गया है शहरों के स्कूलों में स्वीकृत पदों से ज्यादा शिक्षक है  उन्होंने कहा कि दोनो विभाग सर्वे कर युक्तियुक्त करण करे शिक्षक विहीन स्कूलों में जल्द शिक्षकों की पद स्थापना करें उन्होंने विद्यार्थियों की दर्ज संख्या कम होने से बंद होने वाले स्कूलों की सूची में आए 123 स्कूलों पर भी चिंता जताई है  बैठक में कम दर्ज संख्या वाली शालाओं में नामांकन बढ़ाने, शिक्षा की  गुणवत्ता सुधारने और अन्य  व्यवस्था को दुरुस्त  करने का फैसला लिया गया है

ये फैसले भी लिए ..

बैठक में दोनों विभागों की समीक्षा के बाद अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं इनमे  जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में  63 स्कूल भवनो के निर्माण की  माँग की गई थी जिसमें से केवल 7 भवनों को ही स्वीकृति मिली है शेष  56 भवनो की स्वीकृति कराने शिक्षको के संलग्नीकरण समाप्त  करने , युक्तियुक्तकरण कर शून्य शिक्षकीय शालाओ में शिक्षको की पद स्थापना करने, प्राइवेट स्कूलो का  निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन रिपोर्ट बनाने , जीर्ण-शीर्ण शाला भवनो की रिपेयरिंग सहित  अन्य व्यवस्थाएँ बनाने ,शिक्षा विभाग के  3110  और आदिवासी विकास विभाग के खाली पड़े शिक्षकों के 2679 रिक्त पदो पर भर्ती कराने ,अतिथि शिक्षकों की भर्ती और  मानदेय भुगतान, मध्यान्ह भोजन के स्व सहायता समूहो का  मानदेय भुगतान करने  सहित अन्य फैसले लिए गए हैं

अन्य मुद्दों पर भी  चर्चा..

जिला शिक्षा समिति की बैठक में इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भ चर्चा की गई जिसमें  निर्माणाधीन स्कूल भवनों की गुणवत्ता की जांच कराने , लंबित शिक्षक अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को निराकरण कराने के अलावा  पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन  के माँग पत्र अनुसार कमोन्निति पदोन्निति, संविलियिन, अतिशेष की  समस्याओं का निराकरण कराने, स्कूलों में  साईकिल वितरण, पुस्तक वितरण, गणवेश वितरण, जिले में खिलाड़ियो की पहचान कर खिलाड़ियो को प्रोत्हासित करने, खेल प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें सहयोग देने ,खेल सामाग्री उपलब्ध कराने  के भी आदेश दिए गए हैं

ये रहे उपस्थित..

,जिला शिक्षा समिति की बैठक में  समिति के सदस्य  नवीन मरकाम,  केशर नेताम,  महेश इनवाती,  अरुण परते,  अरुण यदुवंशी,  चंपालाल कुर्चे मनोज  वानखेड़े, कमलेश  उइके  ने भी अपने -अपने क्षेत्रों के स्कूलों में व्याप्त समस्या रखी बैठक  में जिला शिक्षा अधिकारी जी. एस. बघेल, सहायक संचालक आदिवासी विकास उमेश  सातनकर जिला शिक्षा केन्द्र के समन्वयक  जगदीश इरपाची जिला   खेल अधिकारी रामराव नागले ने विभागीय गतिविधियां रखी

 


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