♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा में अनोखे अंदाज में मदर्स डे मनाया गया ।यह जिला जेल में कैदियों ने पोस्ट कार्ड पर अपनी माँ के नाम पत्र लिखकर अपराध बोध किया और जन्म देने वाली माँ से माफी मांगकर भविष्य में कभी अपराध नही करने का संकल्प व्यक्त किया ।
मदर्स डे पर जिला जेल सामाजिक संस्था सर्वोदय अहिंसा और जैन युवा फरफ्रेशन ने यह अनोखा आयोजन जेल के कैदियों के बेरच किया था । मदर्स डे के एक दिन पहले जैन पंडित ब्रम्हचारी और समाज सुधारक सुमत प्रकाश ने यहां कैदियो की पाठशाला लगाई थी जिसमे उन्होंने अपने प्रवचनों से कैदियो को द्रवित कर दिया था कि क्षणिक आवेश में आकर कैदी अपराध के भंवर में ऐसे फस गए कि जीवन तबाह हो गया अब शेष बचे जीवन को बिन अपराध निर्दोष भाव से जीवन जीने की कला उन्होंने कैदियो को सिखाई ताकि वे जब जेल से छूटे तो बेहतर जीवन जी सके।
पत्र में कैदियो ने माँ का गुणगान किया हर कोई जानता है कि दुनिया मे माँ से बड़ा कोई नही है माँ ही है जो बच्चों के लिए जीवन भर प्रेरणा बनी रहती है और जीवन की सार्थक राह दिखा सकती है।आयोजम में सौ से ज्यादा कैदियो ने अपनी माँ के नाम पत्र लिखा और माँ के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कर भावुक भी हो गए थे।पोस्ट कार्ड सर्वोदय अहिंसा अभियान के साथ ही इस कार्यक्रम के संयोजक दीपक राज जैन ने उपलब्ध कराए थे।एक पत्र माँ के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में जेल प्रबंधन की अहम भागीदारी रही कि प्रबंधन ने जेल के भीतर कार्यक्रम की अनुमति दी थी।
माँ के नाम पत्र में अधिकांश कैदियो ने लिखा कि माँ मैं तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूँ अगर तुम्हारी दी हुई शिक्षाएं याद रखता तो आज जेल में नही होता, खैर अब संकल्प लेता हूँ कि आज के बाद कभी भी बुरे कार्य नही करूंगा, प्रणाम माता।
एक कैदी ने लिखा कि माँ मैंने जरा से क्रोध के कारण अपराध कर लिया मुझे नही मालुम था कि दो मिनिट के क्रोध का फल एक वर्ष का कारावास होता है मेरा संकल्प है कि अब कभी भी क्रोध नही करूंगा, माँ मैं जल्द ही घर आऊंगा अपना घ्यान रखना मेरी प्यारी मॉं।
एक कैदी ने लिखा मॉं तुम चिंता मत करना यहां जेल में सभी सुविधा है, समय पर भोजन, पूजन, व्यायाम सहित सत्संग के साथ अन्य गतिविधियां होती हैं लेकिन आप सबकी बहुत याद आती है काश मैंने तेरी बातें मानी होती तो ये बुरे दिन नही देखने पड़ते।
* एक कैदी ने लिखा कि आज जैन भैया ने बहुत ही सुंदर सत्संग कराया, फल वितरण भी हुआ, ब्रह्मचारीजी के उदबोधन से मुझे अपराध बोध हुआ, अब मैं भूल कर भी कोई व्यसन एवं बुरे कार्य नही करूंगा जिससे दूसरी बार जेल आना पड़े आदि अन्य कैदियों ने अपने सुंदर विचार लिखकर अपनी अपनी माँ को याद किया।
मदर्स डे पर इस आयोजन में जेल अधीक्षक यजुवेंद्र बाघमारे, उप अधीक्षक भारतीय सहित सहयोगियों ने जिनेन्द्र जैन, संजीव सिंघई, , यशराज जैन सहित सर्वोदय अहिंसा एवं अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन का योगदान रहा।फेडरेशन के दीपक राज जैन ने बताया कि सुंदर पत्र लिखने वाले कैदियों को सम्मानित किया जावेगा साथ ही एक शाम प्यारी माँ एवं भारत माता के नाम का आयोजन भी होगा।