छिन्दवाड़ा के बादलभोई संग्रहालय में होंगे 100 योद्धाओं के स्टैच्यू
30 करोड़ की लागत से बन रहा नया भवन

केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया निरीक्षण
मुकुन्द सोनी छिन्दवाड़ा-छिन्दवाड़ा स्थित बादलभोई आदिवासी संग्रहालय के नए सेगमेंट में देश भर के राज्यो के आदिवासी योद्धाओं के स्टैच्यू के दर्शन होंगे यहां ऐसे 100 से ज्यादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्टेच्यू लगाने की योजना है जो देश के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हो गए और इतिहास उनका ठीक वर्णन भी नही कर पाया केंद्र सरकार ने छिन्दवाड़ा के इस संग्रहालय को राष्ट्रीय संग्रहालय का दर्जा दिया है यहां करीब एक एकड़ के क्षेत्रफल में 30 करोड़ की लागत से संग्रहालय का नया भवन तैयार हो रहा है जिसमें देश के प्रायः सभी राज्यो की आदिवासी संस्कृति के दर्शन भी पर्यटकों को कराए जाएंगे देश मे जनजातीय वर्ग के इतिहास को सम्मान देने संग्रहालय का यह विस्तार हो रहा है छिन्दवाड़ा का यह संग्रहालय वर्ष 1953 में बनाया गया था जिसे पहले राज्य और अब राष्ट्रीय संग्रहालय का दर्जा दिया गया है शनिवार को भारत सरकार के आदिवासी विकास मंत्रालय नई दिल्ली के संयुक्त सचिव डॉ.नवलजीत कपूर ने कलेक्टर शीतला पटले सहित अन्य अधिकारियों के साथ संग्रहालय का दौरा किया उनके साथ म.प्र.शासन के जनजातीय कार्य मंत्रालय की उप सचिव एवं वन्या प्रकाशन भोपाल की प्रबंध संचालक मीनाक्षी सिंह, वन्या प्रकाशन भोपाल के कलाकार धनंजय, नीतिराज सिंह, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त सत्येन्द्र सिंह मरकाम व सहायक संचालक शिक्षा श उमेश कुमार सातनकर, परियोजना क्रियान्वयन ईकाई परियोजना यंत्री नीलेश गुप्ता, संग्रहालय के अनुसंधान अधिकारी एल.आर.मीना, सुनील चौहान और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे ।
चल रहे निर्माण कार्यो का किया अवलोकन..
दिल्ली-भोपाल से आए अधिकारियों ने संग्रहालय भवन के पांच ब्लाकों के विविध कक्षों और भवन के बाहर बने ओपन थियेटर व बाउंड्रीवाल का निरीक्षण किया । उन्होंने ब्लाकों और ओपन थियेटर में किये जाने वाले कार्यो को देखा साथ ही दिव्यांगजनों के लिये रैम्प और लिफ्ट बनाने, एक कक्ष में बच्चों के मनोरंजन के लिये अच्छे मनोरंजक खेलों का ¨प्रावधान करने, फोटो गैलरी और अन्य स्थलों व दीवारों पर किये जाने वाले कार्यो की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने बाहरी स्थल पर लैंडस्कैप तैयार करने और पार्किंग व्यवस्था पर चर्चा की।
15 अगस्त को होगा लोकार्पण..
अधिकारियों ने संग्रहालय के विभिन्न कक्षों का भी निरीक्षण किया संग्रहालय की उपयोगिता बढ़ाने और संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुओं को एक थीम के अनुसार व्यवस्थित करने का सुझाव भी दिया । उन्होंने जनजातीय म्यूरल्स, स्टेच्यू के कार्य शीघ्र पूरा करने की बात कहते हुए बताया कि आने वाले 15 अगस्त पर यह नया संग्रहालय देश को समर्पित किया जाएगा