City Watch – छिन्दवाड़ा में ट्रैफिक थाना चौक का ही ट्रैफिक ही क्लियर नही, चौराहा और सिग्नल के बाद भी अतिक्रमण का लगा ब्रेक
थाना के चारो ओर अतिक्रमण, भाजपा कार्यालय मार्ग भी बेजा कब्जो का शिकार

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा की “ट्रैफिक पुलिस” सिटी का ट्रैफिक क्लियर रखने रोज जद्दोजहद करती है लेकिन ट्रैफिक थाने के सामने का ही ट्रैफिक क्लियर नही है। थाना के सामने चौराहा है, सिग्नल है फिर भी ट्रैफिक पर अतिक्रमण का ब्रेक लगा है। कारण चौराहा तो है पर विकसित नही है। सही स्ट्रक्चर नही है । चारो ओर अतिक्रमण ने इसे घेर रखा है।
यह चौराहा छिन्दवाड़ा – सिवनी नेशनल हाइवे में है। हाइवे के साथ शहर के ट्रैफिक का दबाव 24 घण्टे यात्री, लगेज वाहनों सहित शहर का बम्पर ट्रैफिक यहां लगातार बना रहता है।यातायात थाना के सामने का चौराहा चार सड़को को जोड़ता है। छिन्दवाड़ा – सिवनी मुख्य मार्ग के साथ ही पुराना बैल बाजार मार्ग, और उंटखाना मार्ग इससे कनेक्ट है। इसके अलावा पांचवा वी आई पी मार्ग भाजपा कार्यालय लालबाग का है।
नेशनल हाइवे अथारिटी ने यहां छिन्दवाड़ा – सिवनी हाइवे बनाते समय सभी अतिक्रमण हटा दिए थे। उंटखाना मार्ग पर सड़क किनारे लगे होटल, पान ठेला सहित झुग्गी हटा दी गई थी। अतिक्रमण को 60 फिट पीछे कर दिया गया था ।इसी तरह पुराना बैल बाजार मार्ग से भी अतिक्रमण हटाकर मार्ग का चौड़ी करण करने के साथ ही भाजपा कार्यालय लालबाग मार्ग के भी अतिक्रमण हटाए गए थे।
हाइवे बने दस साल हो चुके हैं और सड़क बनने के बाद फिर सड़क से लगकर अवैध कब्जे हो गए हैं। यहां जिनकी निजी जमीन थी। उन्हें यहां जमीन का मुआवजा भी दिया गया था। सड़क बनने के बाद वे फिर कब्जे पर आ गए है। नेशनल हाइवे मानक में यहां सड़क 60 फिट चौड़ा होनी चाहिए किंतु अतिक्रमण के कारण 30 फिट भी नही है। ट्रैफिक इतना कंजिस्टेड है कि दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी ही रहती है।
छिन्दवाड़ा सिटी का ट्रैफिक महानगरों की बराबरी करने लगा है लेकिन नगर निगम इस व्यवस्था को संभालने सड़को सहित चौक चौराहो का स्ट्रक्चर बदलने तैयार नही दिखता ना ही ऐसी कोई योजना निगम बना पा रहा है। परिणाम शहर की जनता ट्रैफिक से परेशान हैं। यातायात पुलिस भी व्यवस्था बनाते – बनाते बेजार हो रही है। शहर में सार्वजनिक उपयोग की भूमि का सार्वजनिक उपयोग नही किया जा रहा है। सड़क हो या खाली जमीन अतिक्रमण की गिरफ्त में है। इस वजह से शहर का सार्वजनिक स्वरूप भी नही बन पा रहा है।
नगर निगम रोज अतिक्रमण अभियान चला रहा है। निगम को शहर के बाजार ही नही चौक – चौराहो पर भी नजर करना होगा। स्ट्रक्चर बदलना होगा ताकि ” चौराहा ” ही नही यातायात भी बेहतर बन सके। यहां चौराहा होते हुए भी ट्रैफिक व्यवस्था नही बन पा रही है। ट्रैफिक पुलिस अपने पुराना बैल बाजार चौक थाना के सामने की ही व्यवस्था नही सम्भाल पा रहा है तो फिर शहर के अन्य चौक – चौराहो और बाजार की व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। शहर में ट्राफिक का दबाव तेजी से बढ़ रहा है । लेकिन ट्रैफिक के अनुपात में व्यवस्था कुछ दिखती नही है। और छिन्दवाड़ा शहर की तुलना महानगर की बताई जाने लगती हैं।
शहर में वाहनों की संख्या पहले की तुलना में सौ गुना बढ़ चुकी है। अकेले ट्रैफिक थाना नही बल्कि रेलवे स्टेशन चौक से तिलक मार्केट, ट्रैफिक थाना, जेल तिराहा और शिवाजी चौक ई एल सी और सत्कार तिराहा की व्यवस्था को भी बेहतर किया जा सकता है। नेशनल हाइवे अथारिटी मार्ग के निर्माण के बाद सिटी के भीतर की सड़क मेंटनेंस के लिए नगर निगम के हवाले कर चुकी है।
यहां बड़ा तालाब मैदान है जो सार्वजनिक घोषित है। बड़ा तालाब निजी भूमि है। मैदान सार्वजनिक भूमि है जिस पर नगर निगम ने बाउंड्रीवाल भी बना रखी है। इस मैदान की बाउंड्रीवाल से लगकर ही 15 – 20 फिट तक सड़क पर अवैध कब्जे है।
दुकानदारों ने सड़क तो सड़क मैदान तक पर कब्जा कर रखा है। पूरा मैदान अवैध वाहन पार्किंग बना हुआ है। यहां गैरेज के वाहन तो खड़े ही रहते हैं लोग अपने निजी वाहन सहित ट्रक- बस भी खड़ा करते हैं।
- यातायात थाना की बाउंड्रीवाल को पीछे कर जगह निकाली जाए।
- बड़ा तालाब की बाउंड्रीवाल को भी पीछे कर जगह निकाली जाए।
- ट्रैफिक थाना से भाजपा कार्यालय तक अतिक्रमण हटाया जाए।
- उंटखाना मार्ग पर होटल सहित अन्य दुकाने पहले ही सड़क किनारे से हटाकर पीछे कर दी गई है।
- इसी तरह पुराना बैल बाजार मार्ग के भी अतिक्रमण हटाकर सड़क बनाई गई है।सड़क बनने के बाद फिर आधी सड़क अवैध कब्जे में है। अवैध पार्किंग की शिकार है।
- यहां सड़क के किनारे दोनो ओर व्यावसायिक वाहन खड़े रहते हैं जिससे आवागमन प्रभावित है।
- ट्रैफिक थाना से लेकर बड़ा तालाब मैदान बाउंड्रीवाल के किनारे से सड़क तक चौक से तक बांस – बल्ली की दुकानें सड़क पर ही लग रही है।
- गैरेज के वाहन सड़को पर ही किनारे खड़े रहते हैं।
- दुकानदारों ने जमकर अतिक्रमण कर रखा है।
- यदि अतिक्रमण हटाया जाए तो यह चौराहा नही पंच राहा बनाया जा सकता है।
- यातायात थाना से भाजपा कार्यालय कार्यालय से मार्ग के भी हाल यही है।
सवाल यह है कि व्यवस्था सुधारेगा कौन। जिला प्रशासन हर माह सड़क सुरक्षा समिति के नाम पर बैठक कर लेता है लेकिन कोई महत्वपूर्ण फैसले होते हैं ना ही उनका क्रियान्वयन। यातायात पुलिस को नगर निगम का सहयोग नही है। तकनीके काम नही आ रही है। यातयात पुलिस का कार्य व्यवस्था बनाने का है स्ट्रक्चर नही।नगर निगम को स्ट्रक्चर बनाना है लेकिन निगम का ही स्ट्रक्चर बिगड़ा हुआ है। निगम बेपटरी है।किसी भी व्यवस्था को पटरी पर लाने में सक्षम नही है। नेता कमजोर -अधिकारी कमजोर है। कमीशनखोरी में मस्त है। हालात ये है कि नगर की जनता से लिया जा रहा कर अवैध रूप से रखे गए कर्मचारियों के वेतन पर लुटाया जा रहा है। शहर विकास के लिए बजट का टोटा बना हुआ है।