छिंदवाड़ा में भाजपा का बड़ा एक्शन, चार नेताओ का 6 साल के लिए निष्कासन
नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव के बाद पार्टी कार्यालय में विवाद मामले में कार्रवाई

♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान “अविष्वास” को लेकर भाजपा का बड़ा एक्शन सामने आया है। पार्टी ने चार नेताओ को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इनमे शिव मालवी, संतोष राय, किरण हरिओम सोनी और पूर्णिमा मालवी शामिल हैं।
किरण हरिओम सोनी वार्ड नम्बर 27 और पूर्णिमा मालवी वार्ड नम्बर 15 की पार्षद हैं। जबकि शिव मालवी पूर्व पार्षद है। वर्तमान में उनकी पत्नी कविता मालवी वार्ड 21 से पार्षद है। संतोष राय भी निगम के पूर्व पार्षद है। वर्तमान में उनकी पत्नी शोभना राय वार्ड 2 से पार्षद है। शिव मालवी, हरिओम सोनी और संतोष राय निगम में पूर्व पार्षद और वर्तमान में पार्षद पति बतौर राजनीति करते हैं।
पार्टी के मुताबिक यह एक्शन “अविष्वास प्रस्ताव” के बाद जिला भाजपा कार्यालय में हुए हंगामे में पार्टी का अनुशासन भंग करने के कारण की गई है। जबकि अभी वोटिंग मामले में कार्रवाई होना है। निगम में गत 8 अक्टूम्बर को अध्यक्ष कांग्रेस नेता सोनू मांगो के खिलाफ भाजपा ने आने 34 पार्षदो के बलबूते अविष्वास प्रस्ताव लाया था। जबकि कांग्रेस के पास मात्र 14 पार्षद ही थे। वोटिंग में सोनू मांगो ने भाजपा को मात दी है। सात वोट से भाजपा का यह अविश्वास प्रस्ताव पास नही हो पाया था। तबसे यह सवाल बना हुआ है कि वो सात कौन ?
अविश्वास प्रस्ताव में पाला बदलने वाले “सात पार्षदो” पर कार्रवाई होना है। यह तो केवल दो पार्षदो और दो महिला पार्षदो के पति का निष्कासन है।वो भी प्रस्ताव गिरने के बाद लड़ाई – झगड़ा और गाली – गलौच करने के कारण तो फिर पार्टी में वो सात पार्षद कौन है। जिनके वोट से अविष्वास प्रस्ताव गिरा था और पार्टी की किरकिरी हुई है। पार्टी यह कब बताएगी कि वो सात पार्षद कौन है और उन पर कब कार्रवाई होगी। यह सवाल अब भी बना हुआ है।
चारो नेताओ के नाम जारी निष्कासन पत्र क्रमांक-bjp/cwa/3 दिनांक 12 /11/ 2024 में जिला अध्यक्ष शेषराव यादव ने स्पष्ट कहा है कि 8 अक्टूबर को अविश्वास प्रस्ताव के बाद जिला भाजपा कार्यालय में पार्षदो के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण प्रदेश संगठन के निर्देश पर शिव मालवी, संतोष राय, किरण हरिओम सोनी और पूर्णिमा मालवी पर निष्कासन की यह कार्रवाई की गई है। इसमे “क्रास वोटिंग” का कोई कारण नही बताया गया है।