छिन्दवाड़ा का गणेश उत्सव: छोटा बाजार में चैतन्य मण्डल ने बनाई राजस्थान के “खाटू श्याम बाबा तीर्थ” की झांकी
भगवान गणेश के "बालाजी" स्वरूप में 21 फूट ऊंची प्रतिमा में दर्शन
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
शहर के छोटा बाजार मानस भवन में श्री चैतन्य नवयुवक मंडल ने “गणेश उत्सव” पर बालाजी गणेश स्वरूप की 21 फुट ऊंची प्रतिमा के साथ राजस्थान के “खाटू श्याम बाबा तीर्थ की प्रतिकृति बनाई है। दर्शन के लिए यहां रोज श्रद्धालुओ का तांता लग रहा है। “हारे का सहारा खाटू श्याम बाबा” के जय घोष यहां लग रहे हैं। मण्डल ने यहां “खाटू श्याम बाबा” भजन संध्या का भी आयोजन किया जिसमें श्याम भक्तों ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए।
खाटू श्याम बाबा का चमत्कारिक तीर्थ राजस्थान के सीकर जिले के “खाटू” गांव में है। खाटू श्याम बाबा महाभारत काल मे पांडवों में से एक भीम के पुत्र “बर्बरीक” है। इस विश्व के वे सर्वश्रष्ठ धनुर्धर है। भगवान शिव की तपस्या कर उन्होंने ” तीन”अमोध “बाण” प्राप्त किए थे। इससे वे कोई युद्ध नही बल्कि तीनो लोक जीत सकते थे। महाभारत युद्ध के दौरान वे “कौरवों” की तरफ से युद्ध करने जा रहे थे तब “भगवान श्री कृष्ण” ने उनकी परीक्षा ली और फिर उनका “शीश” मांग लिया। बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को अपना “शीश” समर्पित कर दिया था। आज उनके इसी “शीश” स्वरूप का मंदिर ही देश का “खाटू श्याम बाबा तीर्थ” है। भगवान श्री कृष्ण ने भक्तों की मनोकामना पूर्ति के लिए उन्हें अपना नाम “श्याम” दिया है।खाटू श्याम बाबा के भक्त पूरे देश मे है। प्रतिदिन ही लाखो की संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए राजस्थान के सीकर स्थित बाबा के तीर्थ जाते हैं।
गणेश उत्सव पर चैतन्य नवयुवक मंडल ने छिन्दवाड़ा में ही “खाटू श्याम बाबा” तीर्थ के दर्शन कराने के लिए झांकी रूप में “तीर्थ” को प्रतिकृति बनाई है। आप गणेशउत्सव पर छिन्दवाड़ा में ही “खाटू श्याम बाबा” तीर्थ के दर्शन कर सकते हैं। चैतन्य नवयुवक मंडल छिन्दवाड़ा के ह्रदय स्थल छोटा बाजार में गणेश उत्सव पर अब तक एक से बढ़कर एक झांकिया बना चुका है। इसके लिए मण्डल को अनेक पुरुस्कार भी मिल चुके है।
यह मण्डल 47 वर्षो से लगातार हर साल गणेश उत्सव पर भगवान गणेश के विविध रूपों के दर्शन कराता है। मण्डल का गठन करपात्री जी महाराज के शिष्य “लक्ष्मण चैतन्य” महाराज के नाम पर है। 47 साल पहले जब वे छोटा बाजार आए थे तब यहाँ गणेश उत्सव के लिए 11 रुपए बच्चो को गणेश उत्सव के लिए दान दिए थे। इस राशि से मण्डल ने पहला गणेश उत्सव मनाया और फिर हर साल गणेश उत्सव मनाने की यह परम्परा बनी जो आज भी जीवंत है। मण्डल केवल गणेश उत्सव ही नही बल्कि छोटा बाजार की “रामलीला” में भी लीला मंचन के बीच दिखाई जाने वाली झांकिया बनाता है। इसके साथ ही दशहरा उत्सव में छोटा बाजार से निकलने वाले “रामलीला मण्डल” के “विजया दशमी” शोभायात्रा के लिए “रावण” का पुतला भी बनाता है जिसका दहन दशहरा मैदान में होता है। मण्डल के सभी सदस्यों ने शहरवासियों ने गणेशउत्सव पर प्रस्तुत “खाटू श्याम बाबा” की झांकी का दर्शन कर पुण्य- लाभ अर्जित करने का आह्वान किया है।