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रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दी छिन्दवाडा – सागर रेलवे लाइन के लिए नए “डी पी आर” को मंजूरी , संसद में परियोजना पर जताई सहमति

फरवरी में आने वाले रेल बजट में मंजूरी मिलने की संभावना

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♦छिन्दवाडा मध्यप्रदेश – 

नए सांसद” विवेक साहू”  के साथ छिन्दवाडा  नई पारी में विकास के नए और बड़े प्रोजेक्ट लेकर आएगा। इनमे छिन्दवाड़ा – सागर रेलवे लाइन प्रोजेक्ट सबसे बड़ा है।  जिसे आने वाले फरवरी माह में पेश होने वाले रेल बजट में मंजूरी मिलने की पूरी संभावना बन गई है।संसद में छिन्दवाडा सांसद विवेक साहू ने रेलवे संशोधन बिल  के दौरान  ” छिन्दवाडा – सागर रेलवे लाइन” की   मंजूरी मांगी थी। इसके बाद उन्होंने सागर, नर्मदापुरम , नरसिंहपुर और अन्य सांसदो  के साथ “रेल मंत्री आश्वनी वैष्णव” से रेल भवन दिल्ली में  मुलाकात भी की थी।

गुरुवार को  रेल मंत्री आश्वनी वैष्णव ने  छिन्दवाडा – सागर रेलवे लाइन  प्रोजेक्ट पर संसद में कहा है कि  रेलवे लाइन के मौजूदा डी पी आर में  पहाड़ का हिस्सा आने पर प्रोजेक्ट की कास्ट काफी बढ़ रही है। इसके लिए पहाड़ को छोड़कर बायपास एलाइमेन्ट बनाने नया डी पी आर बनाया जाएगा। इसके लिए संसद में उन्होंने छिन्दवाडा – सागर नई रेल परियोजना पर  सहमति जताते हुए कहा है कि नया डी पी आर जल्द तैयार करा लिया जाएगा।

यह पहाड़ कही और का नही बल्कि छिन्दवाड़ा के हर्रई का ही बताया गया है। नरसिंहपुर से सागर के बीच ट्रैक पर मैदानी क्षेत्र ज्यादा है जबकि अमरवाड़ा से हर्रई के बीच पहाड़ी क्षेत्र अधिक है।  हर्रई से नरसिंहपुर के बीच वन क्षेत्र अधिक है। पहाड़ को काटकर सुरंग बनाने में भारी भरकम बजट लगता है। प्रोजेक्ट में छिन्दवाड़ा से हर्रई के बीच एक दो नही बल्कि चार  स्थानों पर पहाड़ो को काटकर सुरंग में रेलवे लाइन बनना है। रेल मंत्री ने पहाड़ो का ही जिक्र करते हुए  पहाड़ छोड़कर बायपास ट्रैक  बनाने की वकालत में  छिन्दवाड़ा – सागर रेलवे लाइन के लिए नया डी पी आर बनाने की बात कही है। रेलवे कोकण जैसी रेल लाईन बना चुका है। जो देश मे सबसे ज्यादा पहाड़ी सुरंगों वाला रेल मार्ग है। ऐसे में छिन्दवाड़ा – सागर के बीच पहाड़ का अड़ंगा मायने नही रखता है।

माना जा रहा है कि आने वाले दो  महीने बाद फरवरी के अंतिम सप्ताह में  पेश होने वाले देश के रेल बजट में छिन्दवाड़ा –  सागर रेलवे लाइन को   रेलवे बजट में शामिल कर बजट मंजूरी दी जा सकती है। यह छिन्दवाडा के लिए विकास का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट  साबित होगा। छिन्दवाडा – सागर रेलवे लाइन महाराष्ट्र के  नागपुर और मध्यप्रदेश के इटारसी की तरह  दक्षिण से उत्तर तक रेल सेवा में नए पुल का कार्य करेगी। इसके बनने से नया रूट नई क्रांति  नई उम्मीदे नए व्यवसाय के साथ विकास के नए प्रतिमान स्थापित होंगे।  रेलवे इसे बनाकर नागपुर – इटारसी  का ट्रैफिक  छिन्दवाडा – सागर के जरिए डाइवर्ट  कर नागपुर – इटारसी ट्रेक पर बढ़ता रेलवे ट्रैफिक का दबाव भी कम कर सकता है।

सांसद विवेक साहू ने संसद में रेलवे संशोधन बिल पर बोलते हुए यह बात रखी थी कि   छिन्दवाडा – सागर रेल लाइन बनने से उत्तर से दक्षिण के बीच 120 किलोमीटर के  सफर की दूरी कम होगी। हर यात्री का तीन घंटे का समय भी बचेगा और रेलवे को करोड़ो का फायदा भी होगा। इसे सिंगल ट्रेक नही बल्कि डबल ट्रेक में बंनाने के साथ इलेक्ट्रिफिक्शन  का बजट भी शामिल कर लिया जाए तो संभवत यह प्रोजेक्ट 8 हजार करोड़ से भी ज्यादा लागत का हो सकता है। इस प्रोजेक्ट में छिन्दवाड़ा, नरसिंहपुर और सागर जैसे जिले शामिल हैं। तब तीन जिलों को मिलाकर छिन्दवाड़ा ही नही बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र की मोदी सरकार बड़ा खजाना खोल सकती है।

छिन्दवाडा – सागर  परियोजना वर्ष 2017 में सर्वे के बाद से रेल मंत्रालय की पिंक बुक में दर्ज है।  सर्वे के बाद परियोजना को शुरू करने 4 हजार 805 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। सागर से छिंदवाड़ा के बीच 279.37 किलोमीटर ब्राडगेज रेलवे लाईन बनना है। इस लाईन के बीच में 28 रेलवे स्टेशन है । जिसमें से 4 स्टेशन पहले से ही बने हुए है। और 24 नए स्टेशन बनाए जाने है। छिन्दवाड़ा के दो आदिवासी विकासखंड अमरवाड़ा और हर्रई में आज तक  रेल   नही है। रेल लाईन बनने से दोनो ब्लाको का कायाकल्प भी  होगा। बड़ी बात यह है कि छिन्दवाडा – सागर रेल लाइन बनने से छिन्दवाडा नागपुर और इटारसी की तरह रेलवे का बड़ा ” जंक्शन” बन सकेगा। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव की नए डी पी आर की मंजूरी के बाद  अब छिन्दवाड़ा की जनता को आने वाले ” रेल बजट” का  इंतजार करना होगा।

 


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