आठ साल में भी मध्यप्रदेश सरकार ने नही किया कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान, 53 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी मोर्चा फिर मोर्चे पर
53 सूत्रीय मांगों को लेकर 53 कर्मचारी संगठनों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कलेक्ट्रेट में दी दस्तक

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
सरकार ने आठ साल में भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नही किया है। जब भी आंदोलन होते हैं । सरकार ” महँगाई भत्ता” बढ़ाकर कर्मचारियों को खुश कर देती है। ऐसे में कर्मचारियों के करीब 40 संगठनों को मिलाकर बनाए गए ” संयुक्त कर्मचारी मोर्चा” ने एक बार फिर बड़े आंदोलन की भूमिका बनाकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट के सामने धरना – प्रदर्शन कर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम जिला प्रशासन को 53 सूत्रीय मांगो का “मांग पत्र” देकर अपने हक की आवाज बुलंद की है।
मोर्चा के जिला अध्यक्ष सतीश गोंडाने ने बताया कि मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने सभी संवर्ग के कर्मचारियों के अधिकारों और प्रदेश के प्रशासनिक सुधार के लिए सामूहिक प्रयास करते हुए पिछले आठ साल से समय – समय पर सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखी है। गुरुवार को एक बार सभी कर्मचारी संगठनों ने मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार को अपनी मांगों से अवगत कराया है।
मोर्चा ने कृषि विभाग, वन विभाग, महिला बाल विकास, पशु चिकित्सा विभाग स्वास्थ्य विभाग दैनिक वेतन भोगी, स्थाई अस्थाई कर्मचारी, अंशकालीन कर्मचारी, तहसीलदार , पटवारी ,शिक्षा विभाग, अथिति शिक्षक आउटसोर्स कर्मचारी सहित लघु वेतन सहित अन्य कर्मियों की 53 सूत्री मांगे रखी है। जिनका निराकरण अब तक नही हो पाया है। जबकि सरकार हर बार शीर्ष लेबल पर समस्या निराकरण का आश्वासन देते आ रही है। मोर्चा इसके पहले भी इन मांगों को लेकर आंदोलन कर चुका है।
ये है मोर्चा की मांगे ..
मोर्चा जिला अध्यक्ष सतीश गोंडाने ने बताया कि मोर्चा की प्रमुख मांगो में 2016 से रुकी पदोन्नतियों को शीघ्र लागू करने ,पुरानी पेंशन बहाल करने, शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देने, शिक्षकों की सभी प्रकार की मांग पूर्ण करने, लिपिको को मंत्रालय की तरह समय मान वेतनमान देने, ग्रेड पे में सुधार करने,बीट कर्मचारियों के पदनाम परिवर्तित करने, पंचायत सचिव, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, पटवारी ,कृषि विभाग के कर्मचारी, वन विभाग के कर्मचारी ,कोटवार स्थाई कर्मी दैनिक, वेतन भोगी ,अंशकालीन कर्मचारी की लंबित मांगों को प्रमुखता से निराकारण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मांगो को लेकर राज्य शासन को जिला प्रशासन के माध्यम से अब तक दर्जनों ज्ञापन देने के साथ ही क्रमिक आंदोलन भी किए जा चुके हैं। हमे आश्वासन नही समाधान चाहिए। प्रदेश सरकार के अधिकारी – कर्मचारी सरकार की नीति और और योजनाओं के क्रियााान्वयन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बावजूद सरकार का नजरिया अधिकारियों – कर्मचारियों के प्रति उपेक्षित नजर आ रहा है। जिसे मोर्चा सहन नही करेगा।
इसके साथ ही मोर्चा ने आठवे वेतन आयोग, अतिथि शिक्षक कर्मचारी और पेंशनरों के महंगाई भत्ते की मांग का भी शीघ्र निराकरण करने की मांग रखी है। मोर्चा की मांगों में अधिकारियों- कर्मचारियों के भविष्य के आर्थिक और गैर आर्थिक बिंदु शामिल है। जो सभी कर्मचारियों की भलाई और प्रदेश की प्रगति से सीधे जुड़े हुए हैं। मोर्चा की सरकार से मांग हैं कि करते हैं कि 53 सूत्रीय मांगों को गंभीरता से लिया जाए। शीघ्र समाधान प्रदान किया जाए। सरकार का सकारात्मक रवैया केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाएगा। प्रदेश की सेवा में हमारी क्षमता और योगदान को भी नहीं ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
ये रहे उपस्थित …
रैली और मांग पत्र कलेक्ट्रेट में ” जिला प्रशासन” को दिया गया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष मध्य प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ सहित संघ में शामिल संगठन के जिला अध्यक्ष दिनेश ठाकुर ,मालती सिंगारे माया धुर्वे, प्रमोद कुमार शर्मा, टी आर ठाकरे, सजीर कादरी, रवि विश्वकर्मा, हेमंत चाद, संजीव कपाले, नारायण ढाकने, श्याम कावेरी, अजय डेहरिया राजेश जैन, संजय शुक्ला, किशोर साहू, आदेश सूर्यवंशी, डॉक्टर नागेंद्र सूर्यवंशी, वीरेंद्र मालवी, दिनेश डेहरिया, शोभित श्रीवास्तव, धर्मेंद्र सूर्यवंशी मतीन कुरेशी, डॉ सरस्वार, आरिफ कुरैशी, जयेश भारद्वाज, राजीक कुरैशी, दीपक भारती, जीपी सोनी मुकेश खरे, विनोद कुमार मुंगेर, संजय नारनवारे, संजय भावरकर रमेश शर्मा संजय डेहरिया भवानी प्रसाद, नवनीत आचार्य ,विनोद डेहरिया उषा पाल ,देवी सिंह राजपूत नीरज गोदरे दयानंद डेहरिया, संजीव कपाले शशि कुमार तिवारी, मीर जाहिद अली वकील खान महेश भादे प्रशांत घौगे, विनोद मालवीय, तुकाराम दुर्गे , चरपे जी, बृजेंद्र भारद्वाज, हेमंत पाटिल, भीम अहिरवार राजेश साहू सौरभ भार्गव सहित समस्त पदाधिकारी और अधिकारी – कर्मचारी मौजूद थे।