पहले बनेगा निगम अध्यक्ष फिर एम आई सी, नगर निगम में बढ़ी राजनीतिक उठापटक
चुनाव में महापौर सहित पार्षदों के पाला बदलने के बाद होने वाला है बड़ा बदलाव

♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
बिना किसी उपलब्धि के दो साल बिता देने वाले नगर निगम छिंदवाड़ा में अगले तीन साल कैसे होंगे। बड़े राजनीतिक परिवर्तन के बाद अब इसका खांका तैयार हो रहा है। नगर निगम अध्यक्ष के साथ ही यहां पूरी एम आई सी बदलने की तैयारी हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही निगम परिषद का सम्मेलन बुलाया जा सकता है। जिसमे अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर नए अध्यक्ष का चुनाव और फिर एम आई सी में दस नए सभापति बनाए जा सकते हैं। इसको लेकर निगम में इन दिनों राजनीतिक उठापटक बढ़ गई है। भाजपा संगठन जल्द ही भाजपा पार्षद दल की बैठक बुलाकर रायशुमारी भी कर सकता है।
दो साल पहले निगम चुनाव में मतदाता ने कांग्रेस को महापौर सहित 29 पार्षदों का बहुमत दिया था। अब महापौर विक्रम अहके सहित 14 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में भाजपा के पास बिना किसी अगले चुनाव के महापौर सहित 33 पार्षदों का बहुमत है। कॉंग्रेस- भाजपा की राजनीति में नगर निगम का ही नही “नगर” का ही बेड़ा गर्क हो गया है। जो होना था वो हुआ नही है। महापौर हो सभापति हो या पार्षद कुछ भी कराने की स्थिति में नही है। केवल कर्मियों का हर माह वेतन कर पाना ही नगर निगम का कार्य और उपलब्धि हैं।
नगर निगम में अध्यक्ष से लेकर नई एम आई सी तक का मामला इतना मिलने के बाद भी भाजपा की ही “गुटबाजी”में अटका पड़ा है। फासलो से फैसला टलता जा रहा है। यह फासला भाजपा के पार्षदों में ही है। इस मामले में तो काँग्रेस से भाजपा में आए पार्षदों को भी राह ताकते दो माह बीत चुके है। छिंदवाड़ा की राजनीति की नई धुरी बने नए सांसद विवेक साहू के फैसलों से नगर निगम का नया कायाकल्प हो सकता हैं। नए सांसद का समन्वय प्लान क्या है। यह नगर निगम में होने वाले भावी बदलाव में देखने मिल सकता है। तय ही है कि नगर निगम में अध्यक्ष से लेकर सभापति तक के लिए नए चेहरों को मौका मिल सकता हैं।
खबर है कि मौजूदा निगम अध्यक्ष सोनू मांगो पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के करीबी है। उन्हें सशर्त अध्यक्ष रहते हुए ही भाजपा ज्वाइन करने का ऑफर दिया गया था। लेकिन वे पाला बदलने तैयार नही है। अब उनके कार्यकाल को भी दो वर्ष पूरे हो चुके हैं। ऐसे में उन्हें हटाने अविश्वास प्रस्ताव की भूमिका बन रही है। संभव है कि अगले कुछ दिनों में यहां निगम परिषद का सम्मेलन होगा जिसमें निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा जा सकता है। नया अध्यक्ष बनने के बाद महापौर विक्रम अहके अपनी नई मेयर इन कौंसिल बनाएंगे जिसमे दस नए सभापति होंगे और इसके साथ ही नगर निगम को शायद कोई नई दिशा मिले।
पिछले दो साल से तो नगर निगम में जनता के चुने महापौर और पार्षदों के बाद भी “अधिकारी राज” ही चल रहा है। चुने हुए प्रतिनिधियों के हाल ये है कि वे निगम का रास्ता ही भूल गए हैं ना वे निगम के दफ्तर में नजर आते हैं ना ही अपने वार्ड में झांकते है। जनता समस्या से दो -चार है।नगर निगम में बजट नही सब उधार और करोड़ो की देनदारी बनी हुई है।

नई एम आई सी को लेकर महापौर विक्रम अहके का कहना है कि सांसद विवेक साहू सहित भाजपा संगठन जल्द ही सब कुछ तय करेगा।निगम को जल्द नई एम आई सी मिलेगी। इसको लेकर सांसद विवेक साहू सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हो चुकी है।