पांच दशक की राजनीति के शक्तिशाली नेता कमलनाथ, आज छिंदवाड़ा में मना रहे हैं अपना 78 वां जन्मदिन
छिंदवाड़ा से रहे 9 बार सांसद , केंद्र में मंत्री और फिर रहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री
♦ छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिंदवाड़ा से लगातार 9 बार सांसद कांग्रेस की केंद्र सरकार में बड़े विभागों के मंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता ” कमलनाथ” आज 18 नवम्बर को छिंदवाड़ा में अपना 78 वा जन्मदिन मना रहे हैं। कमलनाथ राजनीति के पांच दशक देख चुके हैं। इन पांच दशकों में देश और प्रदेश में उनकी छवि केवल प्रभावशाली नही बल्कि शक्तिशाली नेता की रही है। जिनका कोई मुकाबला नही कर पाया।
2014 में आई “मोदी लहर” और खुद” मोदी जी” के छिंदवाड़ा आने के बाद भी छिंदवाड़ा में अपना परचम कायम रखते हुए अपने बेटे नकुलनाथ को भी सांसद बनवा लेना और मध्यप्रदेश में 15 सालों से लगातार काबिज भाजपा की शिवराज सरकार को अकेले अपने विजन के दम पर उखाड़ फेंकना कमलनाथ की राजनीतिक सफलता को मेरिट में लाकर खड़ा करता है कि अब इसके आगे और क्या।
यह बात अलग है कि यह नेता राजनीति में रहते हुए राजनीतिक षड्यंत्र का ही शिकार हो गया है वरना ना केंद्र में सरकार हो ना राज्य में सरकार हो उसके बाद भी अपनी संसदीय क्षेत्र में भला ऐसा सिक्का कौन कायम रख पाया है कि सांसद भी हमारे विधायक भी हमारे जिला पंचायत अध्यक्ष भी हमारा और नगर निगम का महापौर भी हमारा। जन – जन से जुड़े महानायक ही यह कमाल कर सकते हैं। उनके मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद तो छिंदवाड़ा विकास के ऐसे सोपान पर जा रहा था कि कोई कल्पना भी नही कर सकता था।
केंद और राज्य के केंद्रित नेता “कमलनाथ” कांग्रेस के ऐसे नेता हैं जिन्होंने केंद्र की सत्ता में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी वी नरसिंहराव, मनमोहन सिंह के साथ ही सोनिया गांधी के साथ कार्य किया है। देश और राज्यो की नब्ज को बतौर राजनेता कमलनाथ बहुत अच्छे से जानते हैं। यह उनकी ही समझ का परिमाम था कि अनेक राज्यो को खोने के बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में राज्यो में वापसी की थी।
केंद्र में कांग्रेस में उनके समकक्ष दिग्गज अर्जुन सिंह, माधव राव सिंधिया, ममता बैनर्जी, पी ए संगमा, शरद पवार, सहित अन्य नेताओं ने तो मनमुटाव के चलते अलग पार्टी बनाकर कांग्रेस को ही छोड़ दिया था। लेकिन कमलनाथ की निष्ठा पीढ़ी परिवर्तन में भी कांग्रेस के साथ ही बनी हुई है। वर्तमान में वे कांग्रेस की नई पीढ़ी राहुल – प्रियंका गांधी के साथ भी कार्य कर रहे हैं। पीढ़ी की सोच के अंतर का शिकार होकर भी उन्होंने ना कांग्रेस छोड़ी और ना ही छिंदवाड़ा। बस छिंदवाड़ा ने ही उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में छोड़ दिया कि उनके बेटे नकुलनाथ को एक बार सांसद चुनने के बाद फिर दोबारा मौका नही दिया है।
इस बात से वे दुखी नही लगते है बल्कि हारी बाजी को जीतने के प्रयास में समय के इंतजार में लग गए प्रतीत होते है। अपने बेटे नकुलनाथ को यही सबक देते नजर आते हैं कि चुनाव में हार – जीत तो होगी ही जनता की सेवा का लक्ष्य ही असली राजनीति है। केंद्र में उन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर कोषाध्यक्ष तक का पद ऑफर हुआ था लेकिन उन्होंने स्वीकारा नही था। इस वजह से कांग्रेस हाई कमान उन्हें दरकिनार करते दिखे। जिसका असर कमलनाथ की प्रभावशाली राजनीति को प्रभावित कर गया लगता है।
बात छिंदवाड़ा की है तो इतने वर्षों में विकास का वे ऐसा ताना -बाना बुन चुके हैं कि केंद की सरकार हो या राज्य की उनके ताने – बाने पर ही कार्य करने को मजबूर रहेगी। चाहे वह मेडिकल हो यूनिवर्सिटी हो एयरपोर्ट हो या फिर फोर लेन हाइवे के साथ कोयला, कृषि और बिजली, उद्योगीकरण के अलावा शहरी और ग्रामीण विकास।
कमलनाथ के छिंदवाड़ा में किए गए कार्य नजर डालने नही बल्कि अध्ययन के विषय है। इसमें वे इतने सफल है कि छिंदवाड़ा के लोगो ने भले ही अब भाजपा का सांसद चुन लिया हो लेकिन जब छिंदवाड़ा के गढ़ने और बढ़ने की बात आती है तो नाम कमलनाथ का ही लेते हैं।
कमलनाथ राजनेता नही बल्कि राजनीति की पूरी पाठशाला है। अपने राजनीतिक जीवन मे उन्होंने कई मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक बनाए है। युवाओ को मौका देने का उनका जज्बा राजनीति को ही नई दिशा देता नजर आता है। इस बात को इससे समझा जा सकता है कि छिंदवाड़ा मे नीलेश उइके सुनील उइके जैसे युवा एक नही दो – दो बार के विधायक हो गए हैं और सबसे कम उम्र के युवा विक्रम अहके छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर है।
कमलनाथ की देश की राजनीति ही नही उद्योग जगत में भी गहरी पैठ है। वेलफेयर तो उनकी जिंदगी से जुड़ा हुआ है। इसका कोई हिसाब ही नही है। कहा जा सकता है कि भाजपा की सरकार तो अब आयुष्मान कार्ड लाई है। कमलनाथ तो जाने कबसे अपने निजी खर्चो पर अपनी आयुष्मान योजना चला रहे हैं। इसके लिए वे अपने हेलीकाप्टर और प्लेन तक उपलब्ध करा देते है। ऐसे नेता को आज जन्म दिन पर छिंदवाड़ा आयुष्मान होने की कामना करता है।