मोबाईल : पिता ने डांटा तो पुत्री ने लगा ली फांसी, परासिया नाका क्षेत्र के विजय नगर की घटना
देहात थाना पुलिस कर रही मामले की जांच

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
“मोबाइल फोन” का जुनून युवाओ पर इस कदर हावी है कि वह जिंदगी का “अनिवार्य” हिस्सा बन गया है। इसके आगे तो वे किसी की सुनना भी नही चाहते हैं। एक पिता ने “देर रात” तक मोबाइल चलाने पर जब अपनी “बेटी” को डांट दिया तो यह पुत्री पिता का “सबक” भी नही समझ पाई और फांसी लगाकर “आत्महत्या” कर ली। पुत्री मात्र 14 वर्ष की है।
घटना छिन्दवाड़ा के परासिया नाका क्षेत्र के विजय नगर की है। यहां रहने वाले “प्लम्बर” विष्णु भारती रात करीब 12 बजे उठे और बेटी के “कमरे” की लाइट चालू रहने पर झांका तो बेटी “मोबाइल फोन” में व्यस्त थी। पिता से रहा नही गया तो उन्होंने “डांट” लगा दी कि बेटा कुछ “पढ़ाई- लिखाई” करो मोबाइल चलाकर “टाइम पास” नही इतना ही नही विष्णु ने पुत्री की माँ को भी “फटकार” लगा दी कि ” बच्चों” का ध्यान रखो की वे क्या कर रहे हैं।
डांट लगाने के बाद उन्होंने बेटी का ” मोबाइल” बंद करवा दिया और माँ के साथ सोने के लिए कहा और फिर जाकर अपने कमरे में सो गए। देर रात जब माँ की नींद खुली तो बेटी बिस्तर पर नही थी। घर की दूसरी मंजिल के कमरे में देखा तो कमरा अंदर से बंन्द था।आनन- फानन में माता- पिता दोनों ने किसी तरह कमरे का दरवाजा खोला तो देखा कि ” बेटी” सीलिंग से ” चुनरी” बांधकर फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी।
तत्काल ही उसे फंदे से उतारा गया। वह अचेत थी सांस चल रही थी। उसे उपचार के लिए रात करीब तीन बजे जिला चिकित्सालय लाया गया। यह इमरजेंसी वार्ड में उसे भर्ती कराया गया।डॉक्टर्स ने भरोसा दिया कि ठीक हो जाएगी किन्तु रविवार को सुबह करीब 10. 30 बजे उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।सूचना पर देहात थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में लिया है। पिता पश्चताप में था कि आखिर मैन क्यो डांट दिया था। तो क्या आज के तकनीकी दौर में एक पिता को यह भी हक़ नही कि वह अपने बच्चों को “डांट” सके। आज के बच्चो में एक कमी तेजी से बढ़ रही है वह है “पेशेंस”