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मध्यप्रदेश है अब भारत का फूड बास्केट , 251 युवाओ को बनाया ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए नियुक्ति पत्र ,कृषि मंत्री कमल पटेल भी रहे मौजूद

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ये है खास बातें .

  •  15 अगस्त तक मध्यप्रदेश में भरे जायेंगे एक लाख सरकारी पद
  • मुख्यमंत्री ने 87 महिला अधिकारी सहित 251 कृषि अधिकारियों को सौंपे नियुक्ति-पत्र

  • सोयाबीन, दालें, मसाले और अदरक उत्पादन में देश में प्रथम

  • गेहूँ, मक्का और प्याज उत्पादन में द्वितीय

  •  तिलहन और सुगंधित पौधों के उत्पादन में तृतीय स्थान

♦भोपाल मध्यप्रदेश –

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि क्षेत्र, अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने का कार्य करता है। मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। विभाग में पदस्थ किए गए वरिष्ठ कृषि विकास और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को किसानों का जीवन बदलने का जिम्मा मिला है। प्रदेश के किसानों का भाग्य बदलने और उनका भविष्य बनाने का महत्वपूर्ण दायित्व नव-नियुक्त कृषि अधिकारियों पर है। मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में काफी आगे है। नव-नियुक्त कृषि अधिकारी परिश्रम और प्रामाणिकता से सेवाएँ देते हुए यह संकल्प लें कि किसानों के जीवन को बदलने का माध्यम बनेंगे।  कृषि विभाग के साथ अन्य विभागों में भी रिक्त पदों को भरने का अभियान चल रहा है। आगामी 15 अगस्त तक विभिन्न विभागों में करीब एक लाख पदों की पूर्ति का कार्य पूरा हो जाएगा। नौजवानों को काम देकर मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाएंगे।  मुख्यमंत्री निवास कार्यालय समत्व भवन में 251 वरिष्ठ कृषि विकास और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को उन्होंने  नियुक्ति-पत्र प्रदान किये। इनमें 87 महिला अधिकारी शामिल हैं।

उन्होंने  ने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारियों की किसानों के लिए समर्पित भूमिका होगी तो वे जीवन सार्थक बना सकेंगे। कार्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से हम किसानों की जिंदगी बदलने का कार्य कर सकते हैं। मध्यप्रदेश में 700 प्रतिशत अनाज उत्पादन बढ़ा है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का योगदान बढ़ रहा है। प्रदेश की कृषि विकास दर बढ़ी है। आज मध्यप्रदेश भारत का फूड बास्केट कहलाने लगा है। देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 10वाँ हिस्सा सिर्फ मध्यप्रदेश उत्पन्न करता है। मध्यप्रदेश का सोयाबीन, दालें, मसाले और अदरक उत्पादन में देश में प्रथम गेहूँ, मक्का और प्याज उत्पादन में द्वितीय, तिलहन और सुगंधित पौधों के उत्पादन में तृतीय स्थान है। प्रदेश में कृषि की नई तकनीक के उपयोग के साथ ही जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

 कृषि क्षेत्र में कार्य की निरंतर अपार संभावनाएँ होती हैं। खेती से अर्थ-व्यवस्था बदलती है। एक समय था जब भारत में अन्य देशों से गेहूँ आता था। अब स्थिति भिन्न है। कृषि का तेजी से विकास हुआ। उत्पादन बढ़ा तो बाजार में खरीदी बढ़ी, कारखानों के पहिए चले तो संपूर्ण अर्थ-व्यवस्था को मदद मिली। प्रदेश में वर्ष 2012-13 में एक लाख करोड़ का बजट था, जो वर्ष 2020-21 में 2 लाख करोड़ से आगे बढ़ गया और वर्ष 2023 में 3 लाख 14 हजार करोड़ हो गया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आय भी बढ़ी है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आय कभी सिर्फ 11 हजार थी, जो अब बढ़ कर 1 लाख 40 हजार हो गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रतीक स्वरूप कुछ अधिकारियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए। उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों के साथ समूह छायाचित्र भी खिंचवाए।

किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री  कमल पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश, देश में कृषि क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने गत वर्ष कृषि के क्षेत्र में किये गये प्रयासों के बारे में भी बताया। श्री पटेल ने कहा कि किसानों को फसलों की क्षति के लिए राहत राशि भी दी जाती है। अनाज उत्पादन की खरीदी और राशि के भुगतान का कार्य समय पर होता है। किसानों को उनकी उपज का अधिक से अधिक मूल्य दिलवाने के प्रयास किए गए हैं। प्रारंभ में अतिथियों का पुष्प-गुच्छ से स्वागत किया गया। अपर मुख्य सचिव, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास  अशोक वर्णवाल और आयुक्त किसान-कल्याण एवं कृषि विकास  सेल्वेंद्रन भी उपस्थित थे। उप संचालक कृषि डॉ. पूजा सिंह ने संचालन किया।

जिन 251 युवाओं को नियुक्ति मिली है उनमें खरगोन जिले के  मुकेश बडोले, धार जिले के  मिश्रीलाल वास्केल, सीहोर जिले की  मधु मालवीय और  अनिल कुमार अजनेरिया साधारण परिवारों से आते हैं। इन सभी ने बताया कि किसानों के कल्याण के लिए कार्य करने का अवसर मिलने पर उन्हें रोजगार के साधन के साथ ही हृदय से प्रसन्नता प्राप्त हुई है। पूरे परिश्रम से अपने दायित्व को निभाने के लिए संकल्पबद्ध हैं इनमें 241 पद ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और 10 पद वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी के हैं। इनमें 164 पुरूष और 87 महिलाएँ शामिल हैं।विभाग में नियमानुसार विभिन्न स्तर पर रिक्त पदों को भरने के लिए नियुक्तियाँ की जा रही हैं। कुल 2805 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया जारी है। इनमें सर्वाधिक पद 1852 ग्रामीण विस्तार अधिकारियों के हैं। इसके अलावा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, प्रयोगशाला सहायक, स्टेनोग्राफर वर्ग तीन, स्टेनो टाइपिस्ट, ब्लाक टेक्नालॉजी मैनेजर, कम्प्यूटर आपरेटर, एकाउंटेंट और असिस्टेंट टेक्नालॉजी मैनेजर आदि के पद शामिल हैं।

 


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