कान्वेंट शिक्षा के माध्यम से भारत मे चल रहा कल्चर टेरीरिसम
छिन्दवाड़ा शिव महापुराण कथा में आचार्य देवकी नंदन ठाकुर

शिव महापुराण कथा महोत्सव में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
छिन्दवाड़ा – कान्वेंट की शिक्षा भारतीय संस्कृति और संस्कार को नष्ट कर रही है महंगी फीस देकर कान्वेंट में पढ़ने वाला बच्चा कहता है कि मैं भगवान को नही मानता हूँ यह कल्चर टेरीरिसम है मैं कहता हूँ आप भगवान को जानते ही कितना हो जो मानोगे कान्वेंट की शिक्षा ने अपने माता -पिता का सम्मान औऱ संस्कार समाप्त किए हैं यह सनातन के खिलाफ साजिश है जिसे समझना होगा छिन्दवाड़ा के दशहरा मैदान में विवेक बंटी साहू पूजा श्री साहू परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा महोत्सव में तीसरे दिन रविवार को आचार्य देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने यह बड़ी बात कही है संनातन की रक्षा के लिए स्वयं तैयार रहने और भावी पीढ़ी को तैयार करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि जीसस ने कहा है कि मैं परमात्मा का पुत्र हूँ परमात्मा नही हूँ हमारे भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के समय कहा कि मैं भगवान हूँ भगवान पांच पांडव के साथ थे तब सौ कौरवों के साथ भीष्म पितामह को भी मरने के लिए मजबूर होना पड़ा था जिन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान था कहने का अर्थ है कि भगवान जिसे मारना चाहे उसे कोई बचा नही सकता और जो भगवान की शरण मे है इसे भगवान की मर्जी के बगैर कोई मार नही सकता है
आचार्य देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने आज शिवलिंग पूजन ,पार्थिव शिवलिंग का महत्व औऱ नारद मोह की कथा का सारगर्भित विवेचन कर सनातन परंपरा में विधानों का पाठ पढ़ाया उन्होंने कहा कि भगवान शिव ही जगत के पिता है उन्होंने ग्रहों की स्थापना कर ग्रह स्वामी और उनके नाम से रवि ,सोम मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र और शनिवार बनाए हैं शिव के बिना इस सृष्टि का कल्याण नही है मानव को अपने कल्याण के लिए भक्ति करनी होगी शिव महापुराण औऱ भागवत दोनो ग्रंथ मुक्ति मार्ग के लिए राम बाण ओषधि है उन्होंने सतयुग ,त्रेता युग द्वापर युग सहित कलयुग का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मुक्ति का मार्ग सबसे सरल है फिर भी लोग विधियां नही अपनाते हैं सतयुग में जो फल तो तप से त्रेता में यज्ञ से द्वापरयुग में उपासना से मिलता था वह फल कलयुग में भगवान का नाम लेने मात्र से मिल जाता है इसलिए कलयुग में पूजन – पाठ भजन कीर्तन की महिमा है नारद मोह की कथा में नारद को आए अभिमान की कथा बताते हुए उन्होंने कहा कि अपने पिता औऱ गुरु की बात कभी नही टालना चाहिए भगवान शंकर औऱ ब्रम्हा जी की बात ना मानने पर ज्ञानी होते हए भी नारद जी को बंदर बनना पड़ा था पार्थिव शिवलिंग की महत्ता बताते हुए आचार्य श्री ने कहा कि मनोवांछित फल पाने के किए भगवान शिव के पार्थिव शिवलिग की पुजा का विधान है स्वयं भगवान विष्णु सहित देवी – देवता पार्थिव शिवलिंग बनाकर ही भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्होंने वर्ण और संख्या के आधार पर शिवलिंग पूजन विधियां और उनसे मिलने वाले फल भी श्रद्धालुओं को बताए
छिन्दवाड़ा ही नही आ रहे आस – पास के जिलो के भी श्रद्धालु
आचार्य देवकी नंदन ठाकुर महाराज के श्री मुख से शिव महापुराण कथा सुनने महोत्सव में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है ना केवल छिन्दवाड़ा बल्कि आस -पास के जिलो के श्रद्धालु भी कथा में पहुँचते है आज कथा में अपने भजनों की प्रस्तुति से उन्होंने श्रद्धलुओं को जमकर नचाया साथ ही प्रवचनों के माध्यम से अनेक सबक भी दिए
मंच पर प्रस्तुत की गई विष्णु – नारद की झांकी
कथा में रविवार को नारद मोह के प्रसंग के दौरान भगवान विष्णु और देवर्षि नारद की झांकी भी प्रस्तुत की गई व्यास पीठ पूजन औऱ समापन आरती नरेंद्र साहू विवेक बंटी साहू नवीन साहू सहित साहू परिवार ने की शहर के धार्मिक ,सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी व्यास पीठ में महाराज श्री का अभिनंदन किया
14 फरवरी को निकलेगी भगवान शिव की बारात
दशहरा मैदान में चल रहे शिव महापुराण कथा महोत्सव में 14 फरवरी को भगवान शिव का विवाह उत्सव मानाया जाएगा उत्सव के लिए भगवान शिव की महा बारात शहर के टाउन हॉल शिव मंदिर से निकाली जाएगी बारात में भगवान शिव के रूप में सजे पात्र के साथ ही देवी -देवता ,भूत – पिशाच के साथ अनेक आकर्षण होंगे डी जे बैंडबाजा धमाल के साथ यह बारात 4 बजे निकलेगी और दशहरा मैदान पहुँचेगी 14 फरवरी को आचार्य देवकी नंदन ठाकुर महाराज शिव विवाह के प्रसंग पर प्रवचन करेंगे