मध्यप्रदेश के लिए मॉडल बनी छिन्दवाड़ा की सारोठ जलाशय जलावर्धन योजना
एक जलाशय से 30 गांवो तक पहुंचाया पानी

अटल इंस्टीट्यूट आफ गुड गवर्नेंस भोपाल के अधिकारियों ने किया निरीक्षण
छिंदवाड़ा जबलपुर एक्सप्रेस। जिले की जनपद मोहखेड़ के ग्राम सारोठ में बने सारोठ जलाशय से तीस गांवों तक सामुहिक जलापूर्ति की जा रही है। इस सामुहिक जलावर्धन योजना का शनिवार को अटल इंस्टीट्यूट आफ गुड गवर्नेंस भोपाल के अधिकारियों ने निरीक्षण किया और व्यवस्था को देखा। यह जलाशय जलावर्धन योजना सहित 54 करोड़ 89 लाख की लागत से बनाया गया है। टीम में यहां विभिन्न ग्रामों में पहुंचकर सप्लाई किए जा रहे जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति के सदस्यों, स्व-सहायता समूह से पेयजल की शुध्दता और गुणवत्ता में आये बदलाव और लाभ की जानकारी ली। इस दौरान म.प्र.जल निगम की परियोजना क्रियान्वीयन इकाई सिवनी के महाप्रबंधक आर.सी.पवार, प्रबंधक बसंत कुमार बेलवंशी, प्रबंधक जन सहभागिता श्रीमती सुशीला मरावी, टीम लीडर सुपरविजन टीम और ठेकेदार उमेश चौधरी, संभु साथ में थे ।
ग्रामीणों की है भागीदारी..
सारोठ जल प्रदाय योजना में ग्रामीणों की भागीदारी है। अधिकारियों ने यहां मुख्य रूप से सर्विस लेवल बेंचमार्क के अनुसार वाटर सप्लाई, शत-प्रतिशत जलकर संग्रहण और कम्युनिटी के साथ इंवॉल्वमेंट के कार्यो को देखा। साथ ही ग्राम की समिति द्वारा खुद के प्रयासों से समिति का कार्यालय खोलने और समिति द्वारा गांव के गांव में ही पूर्ण रूप से जल सप्लाई के प्रबंधन की व्यवस्था को भी जाना और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन करने के बाद क्रियान्वयन समूह की महिलायें योजना से किस तरह लाभान्वित हुई हैं और उनके जीवन में आये सकरात्मक परिवर्तन के संबंध में भी चर्चा की।
4 जोन में होती है सप्लाई..
सरोठ जलाशय से 30 जलाशयों तक 4 जोन में सप्लाई होती है। पेयजल टंकी भरने पर सबसे पहले दूरस्थ ग्राम व ग्राम के भी सबसे आखिरी क्षेत्र के बाद समीपस्थ ग्राम में जल प्रदाय किया जाता है। एक टंकी से जुडे 2 से 3 ग्रामों में जल प्रदाय के लिये एक बाल्विमेन की नियुक्ति की गई है। ग्राम जल एवं स्विच्छ ता समिति में महिलाओं को 50 प्रतिशत भागीदारी दी गई है। साथ ही गांवों में जल का दुरूपयोग करने तोड़-फोड, ग्राम के अंदर घरों में पंप लगाने आदि पर सामूहिक दण्ड की व्यवस्था भी की गई है । जल के समान वितरण के लिये अतिरिक्त बाल्व, फ्लो कन्ट्रोल बाल्वम, कम व्यारस के वाशर की स्थापना व अन्य तकनीकी विधियों का उपयोग किया गया है। शिकायत पर 48 घंटे में निराकरण किया जाता है। जलकर की वसूली यहां प्रभावी रूप से की जाती है। 90 रुपए प्रति कनेक्शन की वसूली समितियां करती है और वसूली का प्रतिशत यहां 100 प्रतिशत है।